दो चिकित्सक समेत चार स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रोह के दो चिकित्सक सहित चार स्वास्थ्यकर्मियों पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और सरक
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रोह के दो चिकित्सक सहित चार स्वास्थ्यकर्मियों पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और सरकारी राशि का गबन सहित विभिन्न आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामला बच्चों के नाम फर्जी तरीके जन्म प्रमाण पत्र बनाने और बाल जननी सुरक्षा की राशि का वारा-न्यारा किए जाने से जुड़ा है। जिनपर प्राथमिकी दर्ज हुई है उनमें पूर्व प्रभारी चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार, दंत चिकित्सक दीपक कुमार, लिपिक नील कमल भारती और बीएचडब्लू शिवेंद्र ¨सह शामिल हैं। इनमें दंत चिकित्सक को छोड़कर अन्य सभी फिलवक्त दूसरे प्रखंडों में पदस्थापित हैं।
बताया जाता है कि रोह प्रखंड के अनैला गांव यदुनंदन प्रसाद यादव उर्फ तेल बाबा ने डीएम सहित कई उच्च अधिकारियों को जनवरी 2016 में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि रोह पीएचसी में जन्म प्रमाण पत्र बनाने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है। वर्ष 2012 से ही गड़बड़ी होने की शिकायत की गई थी। तत्कालीन डीएम मनोज कुमार ने इसपर जांच का आदेश दिया था। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी अनुपमा कुमारी व रोह के तत्कालीन बीडीओ डॉ. अंजनी कुमार को जांच का जिम्मा मिला था। जांच में शिकायतों की पुष्टि हुई। यह पाया गया था कि जन्म प्रमाण पत्र का फॉर्म जिला कार्यालय से जारी होने के पूर्व की तिथि में भी बच्चों के नाम प्रमाण पत्र निर्गत किया गया था। जांच के बाद जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने वैसे तमाम प्रमाण पत्रों को रद कर दिया था। लेकिन शिकायतकर्ता का कहना था कि दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में पीआइएल 14880-17 दायर किया। जिसके बाद जिला प्रशासन सकते में आया। उच्च न्यायालय ने सभी को पक्ष रखने का आदेश दिया। इस बीच एसपी की ओर से भी उच्च न्यायालय में पक्ष रखा गया। मामले की पेचीदगी को देखते हुए अंतत: एसपी हरि प्रसाथ एस के निर्देश पर 9 नवम्बर की तिथि में प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके साथ ही आरोपितों की मुश्किलें बढ़नी तय हो गई है। शिकायतकर्ता के बयान पर 9 नवंबर को रोह थाना में चारों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई।