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फर्जी दवा पार्सल के गोरखधंधे में पोष्टमास्टर सहित आठ पर प्राथमिकी

नकली आयुर्वेदिक दवा को डाक पार्सल के माध्यम से ग्राहकों तक भेजने के गोरखधंधे में कु।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 08:38 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 08:38 PM (IST)
फर्जी दवा पार्सल के गोरखधंधे में पोष्टमास्टर सहित आठ पर प्राथमिकी

नवादा। नकली आयुर्वेदिक दवा को डाक पार्सल के माध्यम से ग्राहकों तक भेजने के गोरखधंधे में कुल 8 लोगों को आरोपित किया गया है। नरहट थाना में दर्ज प्राथमिकी कांड संख्या 199-18 में नरहट उप डाकघर के पोस्टमास्टर सहित नरहट के सत्येन्द्र उर्फ सातो ¨सह व अकबरपुर थाना के खैरा गांव के फंटुस कुमार, नालंदा जिला के कतरीसराय के संजय गुप्ता व नरहट के कंचन गुप्ता को नामजद तथा तीन अज्ञात को आरोपित किया गया है। इसमें से संजय गुप्ता व कंचन गुप्ता की गिरफ्तारी हो चुकी है। दोनों को जेल भेजा जा चुका है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी होनी शेष है। थानाध्क्ष धर्मेन्द्र प्रसाद ने बताया कि गिरफ्तार कर जेल भेजे गए दोनों मुख्य धंधेबाज हैं। जबकि इस गोरखधंधे में अन्य नामजद की संलिप्तता है। उन्होंने कहा कि नकली आयुर्वेदिक दवा का निर्माण कर इस डाकघर से पार्सल कराने में पोस्टमास्टर के साथ ही सत्येंद्र व फंटुस का अहम रोल रहा है। पोस्टमास्टर इस दवा के धंधे को पार्सल बुक करने में मोटा कमीशन लेता था। इस गोरख धंधे में बड़ा रैकेट काम करता है। इन लोगों द्वारा प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की जाती है। इस मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अवैध दवा के धंधेबाज लोगों को गुमराह कर नरहट के डॉ.महेश बैद्य के नाम से गुप्त रोग, चर्म रोग, स्त्री रोग, सेक्स पावर बढ़ाने से संबंधित दवा पार्सल करते थे। जबकि नरहट में महेश बैद्य नाम का कोई व्यक्ति नहीं हैं। यह कारोबार तीन वर्षों फलफूल रहा था। इस मामले में दो धंधेबाज को जेल भेज दिया गया है। एक पोस्टल कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह बताया कि यहां पो¨स्टग के लिए मोटी रकम आला अधिकारी को दी जाती है। मासिक कमीशन भी अलग से फिक्स था। इस अवैध कारोबार की जानकारी भले ही तीन वर्ष बाद प्रशासन को मिली हो परन्तु विभाग के सभी कर्मी यह जानते हैं। पोस्टल डिपार्टमेंट में कतरीसराय पोस्टऑफिस में जाने के लिए सबसे ज्यादा बोली लगती है। जिसका मुख्य कारण है इसी प्रकार का नकली आयुर्वेद दवा का पार्सल वहां सबसे ज्यादा होता है। ऐसे धंधेबाज दवा के नाम पर सत्तू, लकड़ी का चूर्ण व कई प्रकार की चीजों को अच्छे तरह से पैक कर भेजते हैं। जिससे ग्राहक आकर्षित होते हैं, परन्तु दवा का लाभ उन्हें नहीं मिलता है। फिलहाल, इस कार्रवाई से इस धंधे में संलिप्त अन्य लोगों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। बता दें कि इस गोरखधंधे का मुख्य केंद्र नालंदा जिला का कतरीसराय रहा है। वहां की देखा-देखी आसपास के गांवों में धंधा तेजी से फैला। नवादा जिले के काशीचक थाना क्षेत्र के लाल बिगहा,बहरी बिगहा गांव भी गोरखधंधे का सेफ जोन रहा है। उक्त इलाके में कई बार पुलिसिया कार्रवाई के बाद कई धंधेबाज जिले अथवा राज्य के अन्य क्षेत्रों में शिफ्ट होकर धंधा पसार रखे हैं।

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