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औने-पौने भाव में किसान धान बेचने को मजबूर

जिले में सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी आरंभ नहीं होने से किसान बाजारों में औने पौनेल

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 09:21 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 09:21 PM (IST)
औने-पौने भाव में किसान धान बेचने को मजबूर

जिले में सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी आरंभ नहीं होने से किसान बाजारों में औने पौने भाव में धान की बिक्री करने पर मजबूर हो रहे हैं। धान खरीदने वाली सरकारी एजेंसी पैक्स व व्यापार मंडलों के खाते में अबतक राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। और तो और अबतक धान बेचने को इच्छुक नए व पुराने किसानों का निबंधन तक आरंभ नहीं किया गया है। गत वर्ष जिले को धान की खरीदारी के लिए 19 करोड़ 76 लाख की राशि उपलब्ध कराई गई थी। इस वर्ष अबतक न तो राशि ही उपलब्ध कराई गई है न ही पैक्सों व व्यापार मंडलों को धान खरीदने के आदेश ही निर्गत किए गए हैं।

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जिले में सुखाड़ के बावजूद किसानों ने अपनी मेहनत व पूंजी के बल पर धान का आच्छादन व उत्पादन किया है। सरकार ने ¨सचाई के लिए डीजल अनुदान की घोषणा की थी। किसानों ने ऑनलाईन आवेदन भी किया लेकिन अबतक अधिकांश किसानों के खाते में डीजल अनुदान की राशि तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। अब जब किसानों ने खेतों से धान की कटाई कर खलिहानों में लाया है तो सरकारी स्तर पर खरीदारी तक आरंभ नहीं की जा रही है।

खेतों में नमी के अभाव में रबी फसलों के लिए किसानों ने खेतों की ¨सचाई की है। अब खेतों की जोताई व खाद -बीज के लिए उन्हें राशि की आवश्यकता है। सारी पूंजी धान को बचाने में लग गई और उनके हाथ खाली हैं। ऐसे में उनके पास धान बेचकर गेहूं के लिए पूंजी जुटाने के अलावा कोई चारा नहीं है। सो किसान अपने धान को बाजार में औने-पौने भाव में बेचने को मजबूर हैं। जिले में सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी पैक्स व व्यापार मंडल करती आ रही है। सरकार के आदेशानुसार 15 नवम्बर से ही धान की खरीदारी आरंभ की जानी थी। 12 दिसम्बर समाप्त हो गया लेकिन अबतक धान की खरीदारी तक आरंभ नहीं की गई है।

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दूसरे राज्यों के लोग कर रहे खरीदारी

- सरकारी स्तर पर जिले में धान की खरीदारी आरंभ नहीं होने के कारण दूसरे राज्यों के व्यापारी धान की खरीदारी में जुट गए हैं। उड़ीसा, बंगाल व आंध्रप्रदेश के व्यापारी स्थानीय बाजार के व्यवसायियों के माध्यम से सीधे किसानों के खलिहानों में वाहन के साथ दस्तक देना आरंभ कर दिया है। किसानों को खरीद के तत्काल बाद भुगतान किए जाने से किसान उनके जाल में आसानी से फंस रहे हैं। क्योंकि उनके पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है।

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कहते हैं अधिकारी

- फिलहाल पैक्स व व्यापार मंडलों को कैश क्रेडिट नहीं भेजा गया है। राशि प्राप्त हुई है जल्द ही सूची का निर्माण कर राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

बाबू रजा, प्रबंध निदेशक, द नवादा सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक।


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