सड़कों पर गंदगी का अंबार, लोग हैं परेशान
पिछले पांच दिनों से शहर में सफाई का कार्य बिल्कुल ठप पड़ा हुआ है। न तो सड़कों पर झाड़ू लगाई जा रही है और न ही कूड़े का उठाव किया जा रहा है। फलस्वरूप शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गंदगी के बीच राहगीर सड़क पर चलने को विवश हो रहे हैं। आउटसोर्सिंग से काम नहीं कराने की मांग को लेकर सफाईकर्मी हड़ताल पर हैं।
पिछले पांच दिनों से शहर में सफाई का कार्य बिल्कुल ठप पड़ा हुआ है। न तो सड़कों पर झाड़ू लगाई जा रही है और न ही कूड़े का उठाव किया जा रहा है। फलस्वरूप शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गंदगी के बीच राहगीर सड़क पर चलने को विवश हो रहे हैं। आउटसोर्सिंग से काम नहीं कराने की मांग को लेकर सफाईकर्मी हड़ताल पर हैं। लोकायुक्त के आदेश के बाद एक फरवरी से दैनिक कर्मियों की सेवा लेना बंद कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। फिलहाल इसका हल भी निकलता नहीं दिख रहा है। सफाई कर्मी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। वार्ड पार्षद भी उनके समर्थन में उतरने लगे हैं। नगर परिषद कार्यालय में तालाबंदी के चलते बोर्ड की बैठक नहीं हो पा रही है। अब सोमवार से इंटर की परीक्षा भी शुरू हो रही है। लिहाजा बोर्ड की बैठक में देर होना तय माना जा रहा है। जब तक बैठक नहीं होगी, आउटसोर्सिंग के संबंध में निर्णय नहीं लिया जा सकेगा। इन सारी बातों के बीच देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या निर्णय लिया जाता है। गंदगी के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ने लगा है। नगर के मेन रोड पुरानी बाजार, अस्पताल रोड, कलाली रोड समेत कई जगहों पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। कई दिनों से जमे कूड़े से सड़ांध निकलने लगी है। शहरवासियों ने प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
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हिसुआ व वारिसलीगंज में भी समस्या
- जिले के हिसुआ व वारिसलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र में भी सफाईकर्मियों को हटाए जाने से साफ-सफाई का काम बाधित हो गया है। शहवासियों के कोपभाजन का शिकार संबंधित वार्ड पार्षद हो रहे हैं। बता दें कि सभी निकायों में दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को 1 फरवरी से काम से हटा दिया गया है। हटाए गए कर्मी आंदोलन कर रहे हैं। बगैर वैकल्पिक व्यवस्था के सफाइकर्मियों को हटाने से शहर-बाजार में जहां-तहां कूड़े-कर्कट की ढेर जमा हो गया है।