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सेहत जांच में 116 गर्भवती महिलाओं के शरीर में खून की मात्रा कम मिली

कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को जिला पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 09:05 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 06:35 AM (IST)
सेहत जांच में 116 गर्भवती महिलाओं के शरीर में खून की मात्रा कम मिली
सेहत जांच में 116 गर्भवती महिलाओं के शरीर में खून की मात्रा कम मिली

कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को जिला पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना, जननी बाल सुरक्षा योजना, संस्थागत प्रसव, परिवार कल्याण कार्यक्रम आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान समीक्षा में आया कि इस माह में 2635 गर्भवती माताओं की सेहत जांच की गई। इनमें से 116 महिलाएं हाई रिस्क जोन में पाई गईं। यानि इनके शरीर में मात्रा के अनुसार खून की कमी थी। डीएम ने कहा कि सभी गर्भवती माताओं की नियमित जांच होती रहनी चाहिए। जो भी मरीज खून की कमी के मिले हैं उनका सही देखभाल व खान के लिए प्रेरित किया जाए। आवश्यक आयरन की गोली भी दी जाए। इस बार जांच में संख्या कम रहने पर उन्होंने सीएस से कारण पूछा। इस पर सीएस ने कहा कि गर्मी के कारण महिलाओं की संख्या थोड़ी कम रही। जिसे आगे आने वाले महीनों में सुधारा जाएगा।

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बाल सुरक्षा योजना का बैकलॉग कम करने पर दिया जोर

बैठक में जननी बाल सुरक्षा योजना की समीक्षा हुई। इस बार की रिपोर्ट थोड़ी चिताजनक रही। समीक्षा में पाया गया कि जिले भर में 989 महिलाओं को योजना का लाभ मिलना है। अकेले नवादा सदर में ही 168 महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिला है। इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव होने पर लाभुक महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्र की रहने पर 14 सौ व शहरी में 1 हजार रुपये दिए जाते हैं। यह राशि बैंक में जमा कराई जाती है। सीएस ने बताया कि ज्यादातर अकाउंट मध्य बिहार ग्रामीण बैंक का है। जिसका नाम बदल दिया गया है। तकनीकी कारणों से रुपये ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं। इस पर डीएम ने इसे तुरंत सुधार करवाने को कहा। डीएम ने संस्थागत प्रसव को भी बढ़ाने पर जोर दिया। ताकि जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें।

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एईएस/जेई को लेकर चौकसी बरतने का निर्देश

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में एईएस/जेई को लेकर भी सजगत बरतने का निर्देश दिया गया। इस बीमारी के चलते मुज्जफरपुर में 50 से अधिक बच्चों की मौत हुई है। सीएस ने डीएम को बताया कि आवश्यक दवाओं के साथ जांच कीट सभी पीएचसी में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी डाक्टर को भी बच्चों की सेहत को लेकर चौकसी बरतने को कहा गया है। डीएम ने कहा कि इन बीमारियों का इलाज कैसे करना है इसकी सूची सभी अस्पताल में टंगवाई जाए।

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पैकेजिग

जच्चा-बच्चा सुरक्षित रहे इसके लिए बढ़ाएं एंबुलेंस की संख्या

-डीएम ने मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ पहुंचाने पर भी जोर दिया। इसके लिए प्रतिदिन सभी पीएचसी में जन्मीं बेटियों की रिपोर्ट सिविल सर्जन को लेने को कहा। ताकि उस योजना पर पैनी नजर रखी जा सके। डीएम ने लम्बे समय से एक ही स्थान पर जमे कर्मी एवं पदाधिकारियों का स्थानान्तरण करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया। उन्होंने पीएमजेवाई, एएमसी रजिस्ट्रेशन की भी समीक्षा की। सुदूर इलाके मझवे एवं हरदिया पीएचसी में प्रसव सुविधा शुरू करने का निर्देश दिया। ताकि जच्चा एवं बच्चा स्वस्थ्य हालत में रहे। उन्होंने एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने को कहा। नियमित टीकाकरण पर भी नजर रखने को कहा। डीआईओ अशोक कुमार ने बताया कि नवादा जिले में टीकाकरण की स्थिति पूरे बिहार में 82 प्रतिशत हासिल कर तीसरे स्थान पर है। 16 जून 2019 से पल्स पोलियो राउन्ड की भी शुरूआत होनी है। इस बीच डीएम ने मेसकौर पीएचसी में पानी की समस्या को दूर करने के लिए कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को टैंकर से पानी मुहैया कराने का निर्देश दिया। इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ. नवादा श्रीनाथ प्रसाद, डीआईओ डॉ. अशोक कुमार, डीपीएम जाफरी, डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ. मेलविन कुमार, डीएस विमल कुमार, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।


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