रजौली के चितरकोली में बाल विवाह को प्रशासन ने रोका
रजौली प्रखंड के चितरकोली में गुरुवार को किए जा रहे एक बाल विवाह को एसडीओ चंद्रशेखर आजाद के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने जाकर रोक दिया।
रजौली प्रखंड के चितरकोली में गुरुवार को किए जा रहे एक बाल विवाह को एसडीओ चंद्रशेखर आजाद के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने जाकर रोक दिया। विवाह रोके जाने के बाद नाबालिग व उसके माता-पिता को एसडीओ ने अपने कार्यालय कक्ष में बुलाकर उसकी काउंसलिग की।
एसडीओ ने नाबालिग के पिता दशरथ तुरिया व माता ललसी देवी को सरकार द्वारा शादी की निर्धारित लड़की की उम्र 18 वर्ष होने की जानकारी देकर कहा कि 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के व 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों का विवाह करना कानूनन अपराध है। इसके लिए सरकार द्वारा कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। ऐसे में वे लोग अपने नाबालिग बेटी के जीवन व उसके भविष्य को देखते हुए उनकी शादी के कार्यक्रम का त्याग कर दें। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किए जाने पर उन्हें बाल विवाह करने के आरोप में जेल की सजा भी हो सकती है। एसडीओ ने लड़की के पिता व मां से 18 वर्ष से पूर्व बेटी की शादी नहीं करने का बांड भरवाया। कार्यपालक दंडाधिकारी अखिलेश्वर कुमार शर्मा की उपस्थिति में नाबालिग के माता-पिता ने बांड भरे। एसडीओ ने चेतावनी देकर कहा कि नाबालिगों की शादी करने से उनका शारीरिक व मानसिक शोषण होता है। जब कम उम्र में मां बनती है तो जीवन पर भी संकट खड़ा हो जाता है। बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाएं और उनके भविष्य को सुनहरा बनाएं। मौके पर बीडीओ प्रेम सागर मिश्र आदि उपस्थित थे।