नवादा में कृत्रिम पशु गर्भाधान योजना लक्ष्य से काफी पीछे
- 20 हजार में मात्र 2. 417 पशुओं का हुआ गर्भाधान -लॉकडाउन के कारण तीन माह कार्य रहा बाधित - जागरण संवाददातानवादा
नवादा । सरकार की ओर से पशुपालकों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय कृत्रिम पशु गर्भाधान योजना चलाई जा रही थी। इस योजना के तहत पशुओं का नि:शुल्क गर्भधान कराया जाना था। इसके लिए सरकार की ओर से लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन नवादा में कृत्रिम गर्भाधान योजना लक्ष्य से काफी पीछे रह गया।
विदित हो कि इस योजना का क्रियान्वयन पशुपालन विभाग के माध्यम से किया जा रहा था। विभाग की ओर से बिहार स्टेट मिल्क कॉपरेटिव फेडरेशन कॉमफेड एजेंसी को पशु गर्भाधान की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। एजेंसी के माध्यम से शुरुआती दौर में काफी तेजी से कार्य किया जा रहा था। पशुपालाकों को योजना से जोड़कर लाभ पहुंचाया जा रहा था। इस कार्य में पशुपालक भी एजेंसी से जुड़कर लाभ उठा रहे थे। पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर कार्यों की मॉनीटरिग भी की जा रही थी। इससे कार्यों की गति काफी तेज थी। इसी बीच कोविड-19 का दौर शुरू हो गया। साथ ही पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया। लॉकडाउन के कारण तीन माह कार्य बाधित हो गया। विभाग की ओर से निधारित लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। और नवादा में राष्ट्रीय कृत्रिम पशु गर्भाधान योजना लक्ष्य से काफी पीछे रह गया।
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15 सितंबर 2019 को योजना
की हुई शुरुआत
- पशुपालन विभाग के माध्यम से जिले में 15 सितंबर 2019 को योजना की शुरूआत की गई थी। और 15 मार्च 2020 तक कार्य पूरा करने का समय निर्धारित किया गया था। विभाग की ओर से कॉमफेड एजेंसी को पशुओं का गर्भाधान कराने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। साथ ही ससमय कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया था। शुरुआती दौर में कार्य काफी तेज गति से चल रहा था। लॉकडाउन होने के कारण कार्य सुस्त पड़ गया। इसके बाद विभाग की ओर से समय सीमा बढ़ाकर 31 मई 2020 कर दिया गया। लेकिन लॉकडाउन में तीन माह कार्य बाधित रहा।
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बीस हजार पशुओं को गर्भाधान का था लक्ष्य
इस योजना के तहत जिले भर में विभाग की ओर से 20 हजार पशुओं को गर्भाधान कराने का लक्ष्य रखा गया था। लॉकडाउन में तीन माह कार्य बाधित रहने के कारण लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। जिले भर में 20 हजार की जगह मात्र 2 हजार 417 पशुओं को गर्भाधान कराया गया, जो निर्धारित लक्ष्य के तुलना में करीब 13 फीसद है।
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दस प्रखंडो में योजना
का हो रहा था संचालन
इस योजना के तहत विभाग की ओर से नवादा के 10 प्रखंड का चयन किया गया था। इनमें सिरदला, वारिसलीगंज, नरहट, काशीचक, नवादा, नारदीगंज, मेसकौर, हिसुआ, रोह व पकरीबरावां शामिल किया गया। साथ ही दस प्रखंड में कुल मिलाकर 180 गांव का चयन किया गया। चयनित गांवों में कॉमफेड एजेंसी द्वारा सेंटर खोलकर पशुओं का गर्भाधान कराया जा रहा था। लेकिन एजेंसी में कर्मियों की कर्मियों की कमी थी। कर्मियों के अभाव में कार्यों का संचालन सुचारू ढंग से नहीं हो सका। साथ ही लॉकडाउन के कारण कार्य बाधित हो गया।
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राष्ट्रीय कृत्रिम पशु गर्भाधान योजना के तहत जिले के 10 प्रखंड के 180 गांवों का चयन किया गया था। इस योजना के तहत पशुओं का नि:शुल्क गर्भाधान कराया जाना था। विभाग की ओर से कॉमफेड एजेंसी को पशु गर्भाधान कराने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। शुरुआती दौर में कार्य काफी तीव्र गति से चल रहा था। विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर कार्यों की मॉनिटरिग की जा रही थी। लेकिन एजेंसी में कर्मियों की कमी की वजह से कार्य की गति धीमी पड़ गई। इसी बीच कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन कर दिया गया। लॉकडाउन के कारण तीन माह कार्य बाधित रहा। और कार्य ससमय पूरा नहीं हो सका।
शैलेंद्र कुमार, सहायक निदेशक, जिला पशुपालन कार्यालय नवादा।