जिले में 75 हजार स्कूली बच्चों का अब तक नहीं बना आधार
जिले के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे अपने बैंक खाता में बगैर आधार सीडिग कराए ही सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
जिले के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे अपने बैंक खाता में बगैर आधार सीडिग कराए ही सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। ऐसे में फर्जीवाड़ा की बू आ रही है। इनमें से अधिकांश बच्चे ऐसे हैं जो या तो दो-दो विद्यालयों में अपना नाम दर्ज करा रखे हैं या फिर पढ़ते निजी विद्यालयों में हैं और उनकी फर्जी हाजिरी सरकारी विद्यालयों में बनाई जा रही है। ऐसी भी बात नहीं है कि यह कोई कोरी कल्पना है बल्कि खुद विभागीय आंकड़े इसकी पुष्टि करता है। विभागीय आंकडों के अनुसार अबतक 75 हजार बच्चों का आधार बना ही नहीं है।
जिले के सरकारी विद्यालयों के बाल पंजी के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों के वर्ग एक से आठ तक नामांकित बच्चों की संख्या 3,75,922 है। इनमें से वर्ग एक से पांच तक के बच्चों की संख्या 2, 44, 211 व वर्ग छह से आठवीं तक के बच्चों की संख्या 01,31, 711 है। इनमें अबतक प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 03,01,711 बच्चों के बैंक खातों का ही आधार से सीडिग हो सका है। यानी अबतक कुल 74,211 बच्चों का बैंक खाता आधार से सीडिग नहीं हो सका है। इन बच्चों का आधार बैंक खातों से अबतक नहीं जोड़ा जा सका है और ऐसे बच्चे पोशाक, छात्रवृति आदि का लाभ ले रहे हैं।
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मिल रहा योजना का लाभ
- नियमत: बगैर आधार सीडिग के योजनाओं का लाभ नहीं दिए जाने का प्रावधान है। बावजूद बगैर रोकटोक के अधिकारियों की मिलीभगत से योजनाओं का लाभ सबसे पहले उन्हीं बच्चों को मिल रहा है जिनका आधार कार्ड अबतक बना ही नहीं है। जिनका आधार कार्ड बना है उन्हें तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है। आधार सीडिग होने के बाद ही इस बात का पता लगाया जा सकता है कि इन बच्चों को कहीं दो विद्यालयों से तो लाभ नहीं मिल रहा है।
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72 विद्यालयों में है सुविधा
- आधार से वंचित बच्चों के पंजीयन के लिए जिले के 72 विद्यालयों में आधार सृजन केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर बच्चों का आधार पंजीयन कार्य अनवरत चलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए बाजाप्ता एजेंसी का चयन किया गया है।
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कहते हैं अधिकारी
- इस संबंध में सभी बीईओ को पत्र लिखा गया है। जल्द ही इन आधार सृजन केंद्रों पर पंजीयन का काम आरंभ कराया जाएगा।
सूुरेन्द्र कुमार, संभाग प्रभारी, समग्र शिक्षा परियोजना, नवादा।