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थ्री-इडियट्स-चमेली और अब पानीपत, हिंदी फिल्मों का दमदार कहानी लेखक है ये बिहारी

3 इडिएट्स चमेली और अब पानीपत जैसी हिंदी फिल्मों में दमदार कहानी और पटकथा लेखन में अपना लोहा मनवा रहे रंजीत बहादुर बिहार के नवादा जिले के रहनेवाले हैं। जानिए उनके बारे में...

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 09:55 AM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 10:24 PM (IST)
थ्री-इडियट्स-चमेली और अब पानीपत, हिंदी फिल्मों का दमदार कहानी लेखक है ये बिहारी
थ्री-इडियट्स-चमेली और अब पानीपत, हिंदी फिल्मों का दमदार कहानी लेखक है ये बिहारी

नवादा, जेएनएन। नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड अंतर्गत बुधवारा गांव निवासी रंजीत बहादुर हिंदी फिल्मों में अपनी दमदार कहानी और पटकथा से दर्शकों का दिल जीत रहे हैं। वह मायानगरी मुंबई में रहकर फिल्मों के जरिए नवादा का नाम रोशन कर रहे हैं।

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अभी हाल ही में छह दिसंबर को इनके द्वारा लिखित फिल्म पानीपत रिलीज हुई है। आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी यह फिल्म 1761 में हुई अहमद शाह अब्दाली और मराठों के बीच युद्ध की पूरी कहानी कहती है। फिल्म में रंजीत बहादुर के अलावा आशुतोष गोवारिकर, शेखर धवालिकर, आदित्य रावल ने भी लेखन किया है।

रंजीत बहादुर ने अपने फिल्मी कॅरियर को लेकर कहा, साल 2003 में बनी फिल्म चमेली, जोकि सुधीर मिश्रा के निर्देशन में बनी, उसमें उन्होंने बतौर संपादक काम किया है। इस फिल्म में करीना कपूर थीं। इसके अलावा उनकी प्रमुख फिल्मों में साल 2009 में सुपरहिट रही मूवी थ्री-इडियट्स में भी सह संपादक के रूप में अपना सहयोग दिया।

 

पानीपत की तीसरी लड़ाई पर बनी हालिया फिल्म में मुख्य किरदार अर्जुन कपूर, संजय दत्त, अदाकारा कीर्ति सेनन ने काम किया है। ऐतिहासिक तथ्यों पर बनी यह पानीपत फिल्म दर्शकों को पसंद आ रही। आज के युवा जो पानीपत की लड़ाई के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते, वह इस फिल्म को देखकर अपना ज्ञान बढ़ा रहे हैं।

कई फिल्मों के लिए लिख रहे कहानी 

रंजीत बहादुर ने कहा, वह हर तरह की कहानी लेखन में रुचि रखते हैं। इतिहास लेखन के अलावा कॉमेडी, रियल लाइफ पर केंद्रित कहानियां लिखना भी इन्हें पसंद हैं। वे कहते हैं कि सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर भी कहानी लिखते रहे हैं। आने वाली फिल्मों में दर्शक एक से बढ़कर एक कहानी और पटकथा आधारित फिल्मों का लुत्फ उठाएंगे। उन्होंने बताया कि वह इन दिनों कई अच्छी कहानी लिख रहे हैं। जो आने वाली फिल्मों में बड़े पर्दे पर दिखेगी। 

संत जोसेफ स्कूल के छात्र रहेे, छोटी उम्र से ही कहानियां लिखने में रुचि

 रंजीत बहादुर का बचपन नवादा नगर में बीता है। इनका घर स्टेशन रोड नवादा में था। पैतृक घर बुधवारा गोङ्क्षवदपुर है। आज भी वहां इनका पुराना घर है। आखिरी बार ये करीब चार साल पहले नवादा आए थे। उन्होंने बताया कि 5वीं कक्षा तक संत जोसेफ स्कूल, नवादा में पढ़ाई की। हंसराज कॉलेज दिल्ली से ग्रेजुएशन किया है।

कोलकाता में रहकर इन्होंने फिल्म मेकिंग का कोर्स किया। नगर के व्यवसायी रंजीत कश्यप इनके दोस्त हैं। रंजीत ने बताया कि अभी उनकी उम्र 48 साल की है। अभी वह मुंबई में रहकर फिल्मी कॅरियर को आगे बढ़ा रहे हैं। नवादा जिला उनकी यादों और दिलों में बसता है।


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