कुपोषण से दूर होंगी महिलाएं और बच्चे
नालंदा। आइसीडीएस से संचालित कुपोषण कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की आबादी के जिस हिस्से में
नालंदा। आइसीडीएस से संचालित कुपोषण कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की आबादी के जिस हिस्से में कुपोषण की सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं और बच्चे होते हैं। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रश्मि कुमारी सिन्हा ने बताया कि किसी महिला को शिक्षित करो तो पूरा परिवार शिक्षित बनता है। ऐसे ही अगर एक महिला की सेहत अच्छी रहेगी तो नई पीढ़ी भी स्वस्थ और सेहतमंद होगी। खानपान की सही पद्धतियों और पौष्टिक भोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बनाए जा रहे राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के तहत कार्यक्रम किया जा रहा है। जिसमें बताया गया है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य देश की कुल महिलाओं में महज 40 फीसद महिलाएं सप्ताह में एक बार हरी पत्तेदार सब्जियां खातीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषित मां की संताने बचपन से ही कुपोषण का शिकार हो जाती है और शहरी इलाकों में फास्ट फूड बच्चों को कुपोषित कर रहा है। यह बड़ी भयावह बात है कि हर रोज देश के 3000 बच्चे अपर्याप्त रहित भोजन से होने वाली बीमारियों की चपेट में आ जा रहे हैं और बेवजह अपनी जान गंवा बैठते हैं। उनके लिए प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्रों में दूध सब्जियों और दालों की पर्याप्त भोजन दिए जाने का प्रावधान किया है। सीडीपीओ ने बताया कि ग्रामीण परिवेश के अनुसार महिलाओं को पीछे भोजन करना पड़ता था।