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भगवान बुद्ध से जुड़े कई ऐतिहासिक क्षणों का गवाह है वेणुवन : राजकुमारी

नालंदा । तथागत बुद्ध की यादों को सहेजे वेणुवन बिहार का हर कोना उनके प्रवचनों से ओत प्रोत ह

By Edited By: Published: Tue, 23 Feb 2016 03:05 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2016 03:05 AM (IST)
भगवान बुद्ध से जुड़े कई ऐतिहासिक क्षणों  का गवाह है वेणुवन : राजकुमारी

नालंदा । तथागत बुद्ध की यादों को सहेजे वेणुवन बिहार का हर कोना उनके प्रवचनों से ओत प्रोत है। उनकी अ¨हसा जन कल्याण एवं विश्व शांति की प्रेरणाएं आज भी प्रशांगिक एवं अनुकरणीय है। उक्त बातें वेणुवन विहार के ओवादापाति मुखास्थल पर आयोजित विश्व माघ पूजा सामारोह को संबोधित करते हुए थाईलैंड की राजकुमारी बज्र कटियाभा ने कही। उन्होंने इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने वेणुवन विहार कि महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भगवान बुद्ध से जुड़े कई ऐतिहासिक क्षणों का गवाह रहा है। जहां भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों के साथ कई चर्तुमाश किए थे। यह स्थान बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए धर्म की शक्तिपीठ की भाती है। बौद्ध ग्रंथ विनय पीटक के अनुसार यह स्थान बौद्ध संघ के लिए परम पवित्र है। उन्होनें कहा कि बौद्ध संघ के लिए यह स्थान भगवान बौद्ध के बताए मार्गों की झलक प्रस्तुत करती है, जो बैठकर बौद्व अनुआयी व भिक्षु उसका अनुभव करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्व के महापरिनिर्वाण के समय से ही वेणुवन में बौद्ध भिक्षु द्वारा विश्व माघ पूजा पूर्णमासी के दिनों में आयोजित होती है। उन्होंने कहा कि इस महापवित्र स्थल कि सुरक्षा संरक्षण एवं इसे और विकसित करने की जरूरत है। अंत में राजकुमारी ने ध्यान मग्न हो वेणुवन के पुराने वैभव को लौटाने की प्रार्थना भगवान बुद्व के प्रतिमा के समक्ष की। मौके पर उपस्थित गामीण कार्य व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि भगवान बुद्व से जुड़े कई स्मृतियो में सुमार वेणुवन को देखने व समझने देश-विदेश के बौद्ध भीक्षु आते हैं। वेणुवन में भगवान बौद्ध ने पांच वार वर्षावास किए थे। यह स्थान देश-विदेश के बौद्ध अनुआई के तप व साधना का केन्द्र बन चुका है। राजगीर कि धरती प्राचीनकाल से ही बौद्धमय रहा है। उन्होनें राजकुमारी को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन नालंदा विश्व विद्यालय के वैभवशाली अतीत को लौटाने का काम बिहार सरकार ने किया है। उन्होनें अतिथि देवो भव: के तर्ज पर राजकुमारी को बार-बार राजगीर आने का न्योता दिया। इस दौरान बौद्ध धर्म गुरू आर्यवंशो, थाईलैन्ड के राजदूत चलित एवं जिला वन पदाधिकारी रणवीर ¨सह ने अपनी राय प्रकट किए। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्य सूचना आयुक्त थाईलैंड एंबेसी के रोजना बान्चुक, सुरा पौल, नालंदा चायनिज मंदिर के प्रमुख डॉ. यु पन्या ¨लकारा, राजगीर एसडीओ ज्योतिलाल नाथ साहदेव, डीएसपी संजय कुमार, थानाध्यक्ष उदयशंकर सहित सैकड़ों की संख्या में देश-विदेश के बौद्व प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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राजगीर की वादियों को देख भाव-विभोर हुई राजकुमारी

राजगीर (नालंदा): थाईलैड की राजकुमारी बज्र कटियाभा ने सोमवार की अहले सुबह रत्नागिरी पर्वत पर स्थित भगवान बुद्व के अति प्रिय तपस्थली गृद्वकुट के दर्शन करने सीढ़ी मार्ग से पैदल पहुंचीं। जहां उन्होंने बौद्व धर्म के विधिवत रीती-रिवाज के साथ उन्होंने पूजा अर्चना की। उन्होंने वहीं से नैसर्गिक छटा एवं हरियाली से सुसज्जीत राजगीर की वादियों का अवलोकन कर भाव विभोर हो गईं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गृद्धकुट भगवान बुद्ध का सबसे प्रिय तपस्थली रही है। जहां सूर्योदय के वक्त ध्यान व तप की मुद्रा में भगवान बुद्व विराजमान रहते थे। उन्होंने कहा कि गृद्धकुट पर्वत को हीं वह गौरव प्राप्त है, जहां ज्ञान प्राप्ति के पूर्व एवं ज्ञान प्राप्ति के उपरांत भगवान बुद्व का आगमन हुआ था। उन्होंने कहा कि बौद्व धर्म के अनुसार सूर्योदय के वक्त भगवान बुद्ध की यहां पूजा अर्चना करना उनको महसूस करने जैसा है। यही नहीं सूर्याेदय दौरान गृद्धकुट पर्वत से राजगीर की नैसर्गिक छटा से लवरेज पर्वत मालाओं का ²ष्य अलौकिकता से भरपूर दिखता है। इसके बाद राजकुमारी विश्व माघ पूजा समारोह के लिए वेणुवन के लिए प्रस्थान कर गईं। यहां वेणुवन में पूरे लाव-लश्कर के साथ माघ पूजा में शिरकत किया।


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