स्टैंड पोस्ट से बुझती है बीस हजार की आबादी की प्यास
नालंदा। आजादी के 60 वर्ष बीतने के बावजूद लोगों को पानी की समस्या से निजात नहीं मिली। नगर परिषद से नगर निगम बने आठ साल हो गए।
नालंदा। आजादी के 60 वर्ष बीतने के बावजूद लोगों को पानी की समस्या से निजात नहीं मिली। नगर परिषद से नगर निगम बने आठ साल हो गए। अब स्मार्ट सिटी का भी दर्जा मिल गया है, बावजूद आज भी लोग पानी के लिए पानी-पानी हो रहे है। अभी गर्मी की शुरुआत हुई। लेकिन जलस्तर काफी नीचे चला गया जिसके कारण चापाकल व कुंए का पानी सूख चुका है। ऐसे में सप्लाई पानी ही एकमात्र विकल्प बचा है, पर यह भी लोगों को नसीब नहीं है। ऐसा नहीं कि पाइप लाइन का विस्तार नहीं किया गया है, पर सप्लाई के लिए बनी मणिराम अखाड़ा पर को जलमीनार इतनी आबादी के लिए काफी नहीं है। सात निश्चय योजना के तहत सभी वार्डों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने की योजना पर कई बार मुहर लगी। पर यह कागजों तक ही सीमित रह गया। आज भी लोगों को पानी के लिए दूसरे पर आश्रित रहना पड़ता है। हम बात कर रहे हैं शहर की 20 हजार आबादी वाले वार्ड संख्या 35 की। जहां हर सुबह लोगों को पानी के लिए जंग करना पड़ता है। लोगों की मानें तो शेरपुर मोहल्ले में यदि स्टैंड पोस्ट नहीं होता। तो लोगों को पानी के लिए किसी दूसरे जगह पलायन करना पड़ता या फिर बाहर से पानी लाने की विवश होना पड़ता।
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जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : सर आखिर पानी जैसी समस्या से हमलोगों को कब मुक्ति मिलेगी। नगर परिषद से नगर निगम बन गया। अब बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी के लिए भी चयनित हो गया। लेकिन हालात नहीं बदली। यह उद्गार वार्ड 35 के उन पीड़ित परिवारों का है। जिनके घर के बच्चे पढ़ाई लिखाई छोड़कर सुबह से ही बाल्टी, तसला लेकर स्टैंड पोस्ट पर पानी लाने की जुगत में भिड़ जाते हैं। सुबह के सात बजे हैं जैसे ही जागरण की टीम इस मोहल्ले के भुसट्टा, शेरपुर, खांची गली आदि जगहों पर पहुंची। लोगों में अचानक उम्मीद की किरण जगी। उन्हें ऐसा लग रहा था कि शायद अब उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। उनके चेहरे पर अचानक खुशी की लहर दिखने लगी। टीम के सदस्यों को लोगों ने घेर लिया और नगर निगम सहित तमाम पदाधिकारियों पर अपनी गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि सभी मतलबी है। मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय के तहत हर घर नल योजना यहा मजाक बन कर रह गया है। यहां तो पानी का दर्शन भी कभी-कभार होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि हम गरीबों की फरियाद भी कोई सुनने को तैयार नहीं है। ऑपरेटर से अनुरोध करने पर रात में पानी का चाभी खोला जाता है। चाभी खुलते ही पाइप लाइन में पानी आते ही सैकड़ों घरों का मोटर एक साथ चालू हो जाता है। ऐसे में हम गरीबों को पानी कहां से मिलेगा। वार्ड में चार चापाकल सभी खराब इस वार्ड में सरकारी चापाकल चार है। लेकिन वाटर लेवल नीचे जाने व मेंटेनेंस के अभाव में सभी दम तोड़ चुका है। आज यह चापाकल मात्र शोभा की वस्तु बन कर रह गई है। इस वार्ड में कई कुएं भी है जिससे लोगों की प्यास बुझती थी लेकिन वह भी शुरूआती दौर में ही दम तोड़ दिया। पहले टैंकर से होती थी जलापूर्ति, लेकिन अब वह भी नसीब नहीं
इस वार्ड के लोगों का कहना है कि पहले पानी की समस्या होने पर नगर निगम से पानी टैंकर भेजकर लोगों को पानी दिया जाता था। लेकिन इस बार वह भी नसीब नहीं है। वार्ड पार्षद ने इस बाबत विभागीय अधिकारी को लिखित सूचना भी दी है लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन ही मिला। कहते हैं वार्ड के लोग फोटो : 02
रिजवान अली कहते हैं कि चमन गली में सप्लाई पानी नसीब वालों को ही मिलता है। रात में कब कितने दिन पर आता है इसका किसी को पता नहीं होता। घरों में पूर्व की बनी कुंआ पूरी तरह से सुख चुका है। पानी के लिए शेरपुर स्टैंड पोस्ट ही एकमात्र सहारा है। यहां पर सुबह 5 बजे से ही लोगों की कतार लग जाती है। पानी के कारण लोगों की दैनिक दिनचर्या के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। फोटो : 03
एसएम अरमान ने कहा कि पाइप लाइन का विस्तार किया गया है लेकिन पूरे इलाके में नहीं पहुंचा है। यहां पर हर साल गर्मी के मौसम में पानी के लिए लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। उसने कहा कि घर की महिलाएं व बच्चे सारा कामकाज छोड़ पानी के लिए सुबह से स्टैंड पोस्ट पर खड़े रहते हैं। फोटो : 04
राजबल्लभ प्रसाद कहते हैं कि इस वार्ड में रहने वाले लोगों को पानी के लिए ही ¨चता सताती रहती है। सुबह होते ही परिवार के सभी सदस्य पानी के लिए शेरपुर स्टैंड पोस्ट पर कतार में लग जाते हैं। खराब चापाकलों की मरम्मति भी नहीं की जाती है। पानी का लेयर भागने से कुएं भी सुख गए हैं। ऐसे में एकमात्र विकल्प स्टैंड पोस्ट ही बचा है जिससे लोगों की प्यास बुझती है। फोटो : 05
¨चता देवी कहती हैं कि नगर निगम बनने के बाद उम्मीद जगी थी कि अब हमलोगों के समक्ष पानी का संकट नहीं रहेगा। लेकिन नगर निगम बने आठ साल हो गए। अब स्मार्ट सिटी का दर्जा भी मिल गया लेकिन हालात में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। भगवान जाने हम गरीबों को पानी जैसे संकट से कब निजात मिलेगी। फोटो : 06 शहनाज खातून कहती हैं कि पानी के बिना के बिना हम सबों की दिनचर्या बदल गई है। रात में सोने से लेकर सुबह उठने तक पानी के लिए ¨चता बनी रहती है। आखिर कब इस समस्या का निदान होगा इस सोच कर मन दहल जाता है। पानी की किल्लत के कारण नाता-कुटुम्ब भी यहां ठहरना नहीं चाहते। फोटो : 07
वार्ड पार्षद नारायण यादव कहते हैं कि इस वार्ड के कई मोहल्लों में पानी की घोर समस्या है। इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। पहले पानी की किल्लत होने पर वार्ड टैंकर भी भेजा जाता था लेकिन अब वह भी बंद हो गया है। हालांकि इस बाबत मैंने विभाग को पत्र देकर इस समस्या के निदान के लिए ध्यान आकृष्ट भी कराया हूं पर इसका समाधान नहीं हुआ। चार चापाकल है लेकिन मेंटनेंस के अभाव में सभी खराब हो गए। सप्लाई पानी मणिराम अखाड़ा पर बने जलमिनार से आती है लेकिन ऑपरेटर के कहने के बाद ही चाभी खोली जाती है। सप्लाई पानी आते ही सैकड़ों घरों में लगे मोटर से पानी खींच लिया जाता है जिससे आम जनता को पानी नहीं मिल पाती है। निगम के पास पानी की समस्या दूर करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है लेकिन इस पर अभी काम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस समस्या का समाधान निश्चित होगा।