हड्डियों का बेवजह टूटना या चटक जाना उनके कमजोर होने की है निशानी : डा. अमरदीप
वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे के मौके पर रविवार को बड़ी पहाड़ी के एनएच किनारे स्थित नालंदा बोन एण्ड स्पाइन सेंटर में कैंप का आयोजन किया गया। जहां संस्थान के संचालक प्रख्यात अस्थि रोग विशेषेज्ञ डॉ. कुमार अमरदीप नारायण डॉ. रश्मि कुमारी नारायण ने नागरिकों को ऑस्टियोपोरोसि के संबंध में बताया।
बिहारशरीफ : वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे के मौके पर रविवार को बड़ी पहाड़ी के एनएच किनारे स्थित नालंदा बोन एण्ड स्पाइन सेंटर में कैंप का आयोजन किया गया। जहां संस्थान के संचालक प्रख्यात अस्थि रोग विशेषेज्ञ डॉ. कुमार अमरदीप नारायण, डॉ. रश्मि कुमारी नारायण ने नागरिकों को ऑस्टियोपोरोसिस के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंन कहा कि हड्डियों का बेवजह टूटना या चटक जाना उनके कमजोर होने की निशानी है। इसे चिकत्सा जगत में ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है।
खानपान की अनियमितता से भी यह बीमारी होती है। ज्यादातर ये बीमारी 30 के उम्र पार करने पर होती है। इससे महिलाएं ज्यादातर प्रभावित होती हैं। बीमारी से बचाव का रामबाण नियमित ग्रास वॉक व व्यायाम है।
चिकित्सक ने बताया कि उनके क्लीनिक में हर माह की 20 तारीख को कैंप आयोजित कर मरीजों को ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण उससे बचाव और इलाज की जानकारी दी जाती है। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद इस्ट्रोजेन हार्मोन के कम या खत्म हो जाने के कारण कैल्सियम मेटावॉलिज्म का असर पड़ता है। जिससे हड्डियों में क्षय होने लगता है। इसके अलावा खाने में विटामीन डी की कमी, कैफिन, नमक की अधिकता, नशा से भी यह रोग होता है। ऑस्टियोपोरोसिस की शिकायत मिलने पर उससे बचाव की जरूरत है। बचाव के लिए कम एड़ी के जूते पहनना, घास पर टहलना, नियमित व्यायाम व पोष्टिक भोजन आवश्यक है। इस मौके पर ऋषि कुमार समेत अन्य क्लिनिक कर्मी मौजूद थे।