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हावड़ा से राजगीर के लिए ट्रेन चलाने का आज भी है इंतजार

बिहारशरीफ। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर के लिए हावड़ा मेन लाईन से ट्रेन परिचालन का मुद्दा वर्षो से उठता रहा है। इस बहुप्रतीक्षित मांग को पर्यटक होटल आवासीय संघ तथा राजगीर विकास समिति सहित अन्य संस्थान प्रतिष्ठान व संगठनों ने समय-समय पर उठाया है जिसमें पर्यटन उद्योग में शामिल राजगीर बाजार के चहुंमुखी विकास की संभावनाएं जुड़ी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 08:51 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 08:51 PM (IST)
हावड़ा से राजगीर के लिए ट्रेन चलाने का आज भी है इंतजार
हावड़ा से राजगीर के लिए ट्रेन चलाने का आज भी है इंतजार

बिहारशरीफ। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर के लिए हावड़ा मेन लाईन से ट्रेन परिचालन का मुद्दा वर्षो से उठता रहा है। इस बहुप्रतीक्षित मांग को पर्यटक होटल आवासीय संघ तथा राजगीर विकास समिति सहित अन्य संस्थान, प्रतिष्ठान व संगठनों ने समय-समय पर उठाया है, जिसमें पर्यटन उद्योग में शामिल राजगीर बाजार के चहुंमुखी विकास की संभावनाएं जुड़ी हुई है। यहां के पर्यटन रोजगार से जुड़े सभी छोटे बड़े रोजगार से आजीविका चलाने वालों को चार माह के पर्यटन सीजन के अलावा सालों भर का बाजार उपलब्ध हो सकेगा। इस मुद्दे को मजबूत तरीके से उठाते हुए मांग की गई थी कि कोलकाता और मुंबई से सीधे तौर पर ट्रेनों को जोड़ने की जरूरत है।

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राजगीर से हावड़ा ट्रेन परिचालन को लेकर पर्यटक होटल आवासीय संघ तथा राजगीर विकास समिति द्वारा अनेक बार रेल मंत्री तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया है। जिसमें बीते वर्ष 2006 के 31 मई को तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा वर्ष 2007 के 15 जुलाई तथा वर्ष 2008 के 7 अगस्त को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर इस मांग के उठे मुद्दे से अवगत कराते हुए राजगीर हावड़ा ट्रेन परिचालन शुरू कराए जाने पर ध्यान आकृष्ट कराया जा चुका है। जिसमें मांग करते हुए यह भी कहा गया था कि, मोकामा फास्ट पैसेंजर ट्रेन संख्या अप- 213 एवं डाउन- 214 जो हावड़ा से मोकामा तक चलती है। उसे एक्सप्रेस में तब्दील करके राजगीर तक परिचालन कराया जाय, ताकि पर्यटक भारी संख्या में यहां आ सकें।

विशेष रूप से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री बनने से राजगीर के आम अवाम जधता द्वारा इस ट्रेन के परिचालन के मांग के प्रति उठाए गए क्रांतिकारी कदम को पूरा करने पर जोर देने का निवेदन झलकती है, जिसमें कहा गया है कि भारत के सभी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल एक्सप्रेस विभिन्न ट्रेन से जोड़े तो गए हैं। मगर, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर को इस सूची में शामिल नहीं किया जाना, दुर्भाग्य की बात है। जहां एक से बढ़कर एक प्राकृतिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के पर्यटक स्थल की भरमार है। जहां सालों भर लाखों की संख्या में सैलानी घूमने आते हैं।

लोगों की मानें तो 90 दशक के आखिर तक कभी पश्चिम बंगाल के बंगाली पर्यटकों की संख्या 80 फीसदी हुआ करती थी, जिससे उस समय राजगीर किसी मिनी बंगाल से कम नहीं दिखता था। इसी कारण एक मुहल्ले का नाम बंगाली टोला हो गया। जो आज तक बरकरार है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में यातायात के बेहतर साधन के सुविधा के अभाव में इनकी संख्या घटकर महज 10 फीसदी से भी नीचे चली गई है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा के अलावे इस राज्य के अन्य अन्य क्षेत्रों से बंगाली पर्यटकों का जत्था सपरिवार राजगीर भ्रमण को पहली सूची में रखते थे और यहां सप्ताह भर ठहर कर नालंदा, पावापुरी, बोधगया आदि विभिन्न स्थलों का भ्रमण करते थे। उनके द्वारा राजगीर के एक मोची से लेकर बड़े होटलों तक को आमद होती थी।

जबकि, राजगीर से हावड़ा के लिए खुलने वाली एकमात्र ट्रेन संख्या 53043 फास्ट पैसेंजर का परिचालन बीते वर्ष 2020 के 15 जनवरी से हीं बंद कर दिया गया था। उस समय इस ट्रेन का परिचालन किउल ट्रेन रूट में किए जा रहे मेंटेनेंस काम के कारण बंद कर दिया गया था। उसके बाद हीं कोरोना संक्रमण महामारी के शुरू हुए दौर से लेकर इसका परिचालन आज तक ठप है। अभी वर्तमान में भी इस ट्रेन के परिचालन न होने से इसका सीधा असर देखा जा रहा है।

क्या कहते हैं राजगीर के लोग-

आज राजगीर विश्व पर्यटन मानचित्र पर किसी परिचय का मोहताज नहीं है। राजगीर पर्यटन स्थल के कारण पश्चिम बंगाल से बंगाली पर्यटकों का नाता बिहार से पुराना रहा है। जहां अब निर्माणाधीन वाईल्ड लाइफ जू सफारी, नेचर सफारी, एट सीटर रोप वे, क्रिकेट स्टेडियम सह स्पो‌र्ट्स एकेडमी के अलावा नालंदा विश्वविद्यालय आदि महापरियोजनाओं से लैस हो रहा है। ऐसे में अगर राजगीर हावड़ा एक्सप्रेस रेल का परिचालन होना चाहिए।

-ई. राहुल रॉय, यूथ आइकॉन सह एमडी शिव सांई कंस्ट्रक्शन एंड बिजनेस ग्रुप्स

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मैंने अनेक बार रेल मंत्री तथा मुख्यमंत्री को राजगीर हावड़ा रेल परिचालन की मांग पत्र सौंपा है। मगर इस पर कोई कवायद आज तक शुरू न होना राजगीर पर्यटन रोजगार से जुड़े लोगों के लिए दुख की बात है। पश्चिम बंगाल से कभी अस्सी फीसदी तक बंगाली पर्यटकों का आवागमन रहता था। अब वो बात नहीं है। अगर राजगीर हावड़ा एक्सप्रेस रेल परिचालन हो जाए। तो यहां के बाजार का चौतरफा विकास होगा।

बबलू कोले, पूर्व अध्यक्ष, पर्यटक होटल आवासीय संघ-

------------------- पर्यटन हब बनते राजगीर में एक ओर हेलिकॉप्टर टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात से हर्ष तो है हीं। वहीं अगर एक अदद ट्रेन राजगीर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन हो जाय। तो राजगीर का काया कल्प हो सकता है। क्योंकि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता सहित इस राज्य के विभिन्न हिस्सों से बंगाली पर्यटकों का आवागमन सालों भर भारी संख्या में जारी तो रहेगा हीं। वहीं यहां के बाजार के विकास की असीम संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

- साकेत गुप्ता, मैनेजिग डायरेक्टर, गार्गी ग्रैंड गौतम विहार रिसोर्ट-

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अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी तथा यहां के गरीब लोगों का विकास केवल पर्यटन स्थलों में इजाफा करने से नहीं होगा। बल्कि पर्यटकों के आवागमन की समुचित सुविधा में ट्रेन परिचालन से पर्यटन स्थल और इससे जुड़े रोजगार को भी बढ़ावा देने की बात होनी चाहिए। जिसमें वर्षों से लंबित और बहुप्रतीक्षित राजगीर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन परिचालन राजगीर पर्यटन और पर्यटन उद्योग को बेहद मजबूत आयाम दे सकता है। जिससे यहां के फुटपाथ से लेकर बड़े बड़े संस्थान प्रतिष्ठान सहित लगभग हर वर्ग के लोग लाभान्वित होंगे।

- उमराव प्रसाद निर्मल, समाजवादी चितक सह महासचिव राजगीर विकास समिति

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पर्यटन स्थल राजगीर की आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ पर्यटन व्यवसाय है। इसमें देसी विदेशी पर्यटकों में खास महत्व रखने वाले बंगाली सैलानी राजगीर पर्यटन उद्योग से जुड़े हर छोटे बड़े व्यवसायियों के लिए आमदनी का जरिया बनाते हैं। चाहे वो पान की दुकान या चाय वाला हो। या फिर बड़े बड़े होटल। खाने पीने और घूमने के शौकीन बंगाली पर्यटकों के लिए राजगीर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन मायने रखता है। जिससे राजगीर का मार्केट फल फूल सकता है।

-सुमन बिहारी शरण, आम नागरिक-


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