बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे भिखारी ठाकुर
नालंदा। बिहारशरीफ में राष्ट्रीय नाई महासभा कार्यालय मोगलकुआं में रविवार को भोजपुर के श्
नालंदा। बिहारशरीफ में राष्ट्रीय नाई महासभा कार्यालय मोगलकुआं में रविवार को भोजपुर के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की 45वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। मौके पर अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्य परिषद सदस्य शिखाविद् राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि पद्मश्री महान लोक कवि व भोजपुर के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर लोक कलाकार, रंगकर्मी, लोक जागरण के संदेश वाहन व बहु आयामी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने नाटक के माध्यम से समाज में फैली सामाजिक कुरीतियों पर जिस तरह से कड़ा प्रहार किया, उससे सामाजिक क्रांति को काफी बल मिला। भिखारी ठाकुर बिहार ही नहीं बल्कि देश के सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक थे। उन्होंने लेखन, गायन व नाटक के माध्यम से जनजागरूकता का कार्य किया है। अपनी रचनाओं के जरिए सामाजिक कुरीतियों पर कड़ा प्रहार किया। भोजपुरी संस्कृति को सामाजिक सरोकारों के साथ ऐसा पिरोया की अभिव्यक्ति की एक धारा भिखारी ठाकुमर के नाटकों की गूंज सुनाई पड़ ही जाती है। भिखारी ठाकुर का लिखाए अमर गीत जब मंच पर गाया जाता था तो ये दर्दभरा गीत सुनकर लड़कियां और महिलाओं के आंखों से आंसू छलकने लगता था। इस मौके पर प्रो. महेश्वर ठाकुर, डा. विजय किशोर, अरुण बिहारी शरण, धीरज कुमार, जितेन्द्र शर्मा, राजेश ठाकुर, विनोद ठाकुर, प्रभात ठाकुर आदि उपस्थित थे।