आज घोड़ाकटोरा में स्थापित बुद्ध प्रतिमा का निरीक्षण करने आएगी टीम
बिहारशरीफ। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर स्थित घोड़ाकटोरा पहाड़ी झील के बीचोंबीच मुख्यमंत्री नीतीश
बिहारशरीफ। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर स्थित घोड़ाकटोरा पहाड़ी झील के बीचोंबीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा की स्थापना का काम पूरा कर लिया गया है। आगामी 25 नवंबर को राजगीर महोत्सव के शुभारंभ के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके पहले आज 17 नवम्बर को बौद्ध भिक्षुओं की टीम प्रतिमा का निरीक्षण करने पहुंचेगी। इस टीम में महाबोधि सोसाइटी मैनेजमेंट कमेटी के सेक्रेटरी मिस्टर दोर्जे व बिहार बुद्ध सोसायटी की सेक्रेटरी महाश्वेता महारथी भी शामिल रहेंगी। इस टीम के संतुष्ट होने के बाद ही मुख्यमंत्री अनावरण के लिए अंतिम स्वीकृति देंगे। इस 70 फीट ऊंची प्रतिमा को भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ स्थित धर्मप्रवर्तक चक्र मुद्रा की तरह स्वरूप दिया गया है।
विशालकाय प्रतिमा का इस तरह हुआ निर्माण और ये हैं विशेषताएं : दो वर्ष पूर्व 31 दिसंबर 2016 को पर्यटन विभाग ने इस परियोजना का शुभारंभ किया था। लगभग 10 करोड़ की लागत से प्रतिमा की स्थापना की गई है। प्रतिमा 18 माह में बनाने का लक्ष्य था। लक्ष्य के अनुसार अक्टूबर में काम लगभग पूरा कर लिया गया। पर्यटन विभाग ने निर्माण एजेंसी कंसल्टेंट कंपनी श्री दीपक हैंडिक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड को प्रतिमा बनाने का काम सौंपा था। प्रतिमा में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला स्थित चुनारगढ़ से 48 हजार घन फीट हल्के गुलाबी रंग के सैंड स्टोन का इस्तेमाल किया गया है। प्रतिमा की स्थापना पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर इस प्रकार से की गई है कि घोड़ाकटोरा परिक्षेत्र में प्रवेश करते सैलानियों को दूर से ही झील के मध्य विराजमान भगवान बुद्ध की प्रतिमा दिख सके। इस प्रतिमा के निर्माण में राजस्थान के दो दर्जन से भी अधिक कुशल कारीगरों की टीम ने श्री दीपक हैंडिक्राफ्ट प्रा.लि. के डायरेक्टर दीपक कुमार गौड़ व कई इंजीनियरों की देख रेख में किया है। अहमदाबाद के डिजायनर धीरेन भाई साल्ट ने इस प्रतिमा की डिजाइ¨नग की है। घोड़ाकटोरा पहाड़ी झील की निचली सतह से ऊपरी सतह तक फाउंडेशन की ऊंचाई 20 फुट और फाउंडेशन से प्रतिमा की ऊंचाई 50 फुट यानी प्रतिमा की कुल ऊंचाई 70 फुट है।