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नैतिक मूल्यों के पुरोधा थे स्वामी विवेकानंद

नालंदा। बिहारशरीफ में मध्य विद्यालय ककड़ियां के प्रांगण में सोमवार को स्वामी विवेकानंद की 1

By Edited By: Published: Tue, 05 Jul 2016 03:06 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2016 03:06 AM (IST)
नैतिक मूल्यों के पुरोधा थे स्वामी विवेकानंद

नालंदा। बिहारशरीफ में मध्य विद्यालय ककड़ियां के प्रांगण में सोमवार को स्वामी विवेकानंद की 114वीं पुण्यतिथि स्मृति दिवस के रूप में मनाई गई। इस मौके पर विद्यालय के तमाम शिक्षक व छात्र-छात्राओं ने स्वामी जी के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। विद्यालय के शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि स्वामी जी आदर्श पुरुष के साथ-साथ नैतिक मूल्यों के पुरोधा थे। जीवन में सफलता के लिए स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि शुद्धता, धैर्य और ²ढ़ता अति आवश्यक है। विवेकानंद का नाम आते ही मन में श्रद्धा और स्फूर्ति का संचार होने लगता है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी आज उनके बीच नहीं है लेकिन प्रभावशाली विचार हमारे लिए प्रेरक है। उन्होंने उपस्थित विद्यालयों को उनके बताए मार्ग पर चलने की सलाह दी। इस मौके पर शिक्षक शिवेन्द्र कुमार, शैलेन्द्र कुमार, सुरेश प्रसाद रजक, सुरेश कुमार, शैलेन्द्र कुमार विद्यार्थी, अनुज कुमार, सोनू कुमार, रिशु कुमारी, नीरू कुमारी आदि उपस्थित थे। इधर दीपनगर में नालंदा टीचर्स ट्रे¨नग कालेज व नालंदा महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रांगण में स्वामी विवेकानंद की श्रद्धांजलि दिवस मनाई गई। कालेज के सचिव डा. कुमारी पदमा ने स्वामी जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज उनके बताए रास्ते पर चलकर ही हम शिक्षक व छात्रों का जीवन सार्थक होगा। इस मौके पर प्रो. अरुण कुमार, प्रो. विश्वजीत कुमार, प्रो. मुकुंद कुमार, प्रो. पारितोष कुमार, प्रो. विभूति, प्रो. अनिल कुमार आदि उपस्थित थे।

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