नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक
नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक गुरुवार को आयोजित की गई। पहले की तमाम बैठकों की तरह गुरुवार को आयोजित बैठक भी हो-हल्ला से शुरु हुई। इस हो-हल्ला तथा हंगामें के बीच विकास की तमाम बातें भी दब कर रह गई। कई सदस्यों ने बैठक की सीमाएं लांघने तक में देरी नहीं की।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक गुरुवार को आयोजित की गई। पहले की तमाम बैठकों की तरह गुरुवार को आयोजित बैठक भी हो-हल्ला से शुरु हुई। इस हो-हल्ला तथा हंगामें के बीच विकास की तमाम बातें भी दब कर रह गई। कई सदस्यों ने बैठक की सीमाएं लांघने तक में देरी नहीं की। हालांकि सशक्त समिति के सदस्य नीरज भान ने बैठक में ऐसे हंगामें पर गहरी चिता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस बैठक में विकास की बातें होनी चाहिए वहां सिर्फ अनर्गल बातें होती है। जो उचित नहीं है।
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शहर के 20 जगहों पर बनेंगे डंपिग प्वाइंट
सच कहा जाए तो सशक्त कमेटी की बैठक अब तक सिर्फ औपचारिकता ही साबित ही हुई है। हर बार पिछली बैठक की संपुष्टि । लेकिन काम सिफर। गुरुवार को हुई बैठक में भी कई निर्णय लिए गएं।
बैठक में लिए गए निर्णय
- कारगिल मोड़ से बबुरबन्न तक कुल 20 जगहों पर कचरा डंपिग प्वाइंट का निर्णय
- 15 टीपर तथा सफाई कर्मी के माध्यम से शाम 5 बजे से रात्रि तक शहर के विभिन्न स्थलों की सफाई।
- पांच नए टीपर क्रय करना
- एक ट्रैक्टर का क्रय करना
- छोटा पोकलेन मशीन क्रय करना
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नहीं मानें सदस्य तो कर्मचारियों के कार्य बंटवारे का मामला भी समिति को किया गया सुपुर्द हैरत की बात यह है कि नगर निगम के जिन सरकारी कर्मचारियों के कार्यों के बंटवारे का अधिकार नगर आयुक्त को होना चाहिए । उस पर भी सशक्त कमेटी के कुछ सदस्यों का अधिकार है। गुरुवार को आयोजित बैठक में भी कार्यालय में प्रतिनियुक्त कार्यपालक सहायक के कार्य बंटवारे पर भी जोरदार बहस हुई। कार्य बंटवारे पर नगर आयुक्त के शक्ति पर आपत्ति जताई गई। बाद में कार्य बंटवारे के इस मामले को सशक्त कमेटी के हवाले कर दिया गया।
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आउटसोर्सिंग के माध्यम से होगा टैक्स वसूली का कार्य
टैक्स नगर निगम की आमदनी का सबसे बड़ा साधन है। इसमें थोड़ी सी सुस्ती नगर निगम के विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करने के लिए काफी है। ऐसे में राजस्व वसूली पर लोगों ने खुलकर अपने विचार रखें। अंत में आउटसोर्सिग के माध्यम से राजस्व वसूली किए जाने का निर्णय लिया गया। वहीं सबके लिए आवास योजना में गति लाने की बात भी कही गई।
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बैठक थे शामिल
बैठक में मेयर वीणा कुमारी, उपमेयर शर्मिली परवीण, नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल, नीलम गुप्ता, दिलीप कुमार, रमेश कुमार उर्फ नीरज भान, प्रदूमन कुमार, नारायण यादव एवं मो. जमील अख्तर सहित निगम के कई अधिकारी मौजूद थे।
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इन्सेट
नगरनिगम की बैठक मानों पूरी तरह आरजक हो चुकी है। जहां किसी के आने-जाने तक की रोक-टोक नहीं। हैरत की बात तो यह है कि बैठक में भाग लेने के लिए समिति का सदस्य होना तक जरुरी नहीं। नगरनिगम की बैठक का सभापतित्व करने के लिए मेयर जरूर अपने कुर्सी पर विराजमान होती हैं। लेकिन बैठक की बागडोर पूरी तरह से मेयर के पति के हाथों में होता है। हुबहू कई महिला सदस्य भी बैठक में कभी शामिल तक नहीं हुई। उनका सारा कार्य उनके पति ही संभालते हैं। हालांकि ऐसे कार्य का कई सदस्यों का समर्थन मिलता रहा है। जिससे उनके हौसले बुलंद हैं। स्थिति जब ऐसी होगी तो बैठक से विकास की बातें निकलनी मुश्किल होगी।
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नहीं मानें लोग तो सख्ती को विवश होगा निगम
इस संदर्भ में नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल ने कहा कि बैठक में बाहर के लोगों के आने की अनुमति बिल्कुल नहीं है। पहले भी आगाह किया जा चुका है। यदि वे नहीं मानते तो निगम सख्ती करने को विवश होगा।
अंशुल अग्रवाल
नगर आयुक्त