गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था को राज्य सरकार कटिबद्ध : शिक्षामंत्री
राजगीर : सूबे भर के सरकारी स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के
राजगीर : सूबे भर के सरकारी स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। वर्तमान में विभिन्न सुविधाओं से लैस सरकारी स्कूलों में हमारे देश के कर्णधार प्रदेश हीं नहीं, बल्कि देश व समाज की नई इबारत लिखने को तैयार हो रहे हैं। उक्त बातें शिक्षा विभाग के मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने राजगीर मकर मेला के दूसरे दिन शिक्षा विभाग के द्वारा लगाए गए स्टॉल सह प्रर्दशनी का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन के दौरान कही। बिहार के बेहतर दिशा में अग्रसर शिक्षा पद्धति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयास से आज अत्याधुनिक तरीके तथा डिजिटल प्रणाली से लबरेज शिक्षा सूबे भर के विद्यार्थियों को उनके लक्ष्य निर्धारण में मदद की है। वहीं कल्याणकारी योजनाओं का समावेश कर शिक्षा को सशक्त बनाने के क्रम में साईकिल, पोशाक व छात्रवृति योजना के आधार पर गरीब वर्ग परिवार सह दूर-दराज के छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ। जिसमें किशोरियों को साइकिल योजना ने स्कूल तक आने में उन्हें प्रोत्साहित किया । वहीं कन्या उत्थान योजना के तहत अविवाहित इंटर उत्तीर्ण छात्राओं को 10 तथा अविवाहित स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को 25 हजार रुपया प्रोत्साहन राशि का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसी प्रकार से सरकार ने 35 प्रतिशत आरक्षण कोटे के तहत, शिक्षित बेरोजगार युवतियों को सरकारी नौकरी भी दी गई है। उन्होंने कहा कि राजगीर मकर संक्रांति मेला के अवसर पर आयोजित स्टॉल में शिक्षा विभाग के द्वारा वर्तमान संचालित विभिन्न योजनाओं के सभी तथ्यों की जानकारी के लिए प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके पश्चात उन्होंने धुनिवर के समीप आयोजित मकर मेला दंगल प्रतियोगिता का शुभारंभ फीता काटकर तथा पहलवानों को ¨रग में शुभकामनाएं देकर किया। इस क्रम में उन्होंने कहा कि महाभारतकालीन जरासंध अखाड़े के इस शौर्य भूमि पर दंगल प्रतियोगिता का आयोजन मकर मेला में किया जाना, हमारे गौरवशाली मगध साम्राज्य की अमूल्य धरोहर को प्रदर्शित करती है। जहां कभी पंच पहाड़ियों के मध्य, अखाड़े में प्रतिद्वंदियों को धूल चटाते मगध साम्राज्य के सम्राट राजा जरासंध की हुंकार गुंजायमान रहा करती थी। जिसकी झलक इस मेले के दौरान बिहार के अलावा अन्य राज्यों से आए पहलवानों को आपस में अपना रहे दांव-पेंच ²श्य में उभर रही है। उन्होंने जरासंध अखाड़ा को दंगल पहलवानों के लिए परम पवित्र बताया। कहा कि यहीं से जरासंध ने दंगल नामक क्रीड़ा का सृजन कर इस खेल से विश्व भर को परिचित कराया था। जिसका आयोजन राजगीर महोत्सव तथा मकर मेला के दौरान किया जाता है।जो मगध साम्राज्य के गौरवशाली अतीत को उजागर करती है। जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार, दंगल प्रतियोगिता के संयोजक साधु शरण यादव, मकर संक्रांति मेला समिति संरक्षक वीरेंद्र कुमार ¨सह ,डीपीओ दिनेश्वर मिश्र, एडीपीसी जितेंद्र पासवान, चंदन कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रघुनंदन चौधरी, इरफान मलिक, कुश यादव, मनोज कुमार, अति उत्तम कुमार, मिथिलेश कुमार, परमानंद कुमार, महेश प्रसाद ¨सह गहलौत, प्रशांत उर्फ बबलू कुमार, अभिषेक कुमार उर्फ गोलू आदि लोग उपस्थित थे।