यौन-शोषण पीड़िता को मिला पत्नी का दर्जा
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : जिला किशोर न्याय परिषद ने डीएनए जांच में सच साबित हुए आरोपित बच्ची क
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : जिला किशोर न्याय परिषद ने डीएनए जांच में सच साबित हुए आरोपित बच्ची के पिता बिहार थाना के नईसराय धोबिया गली निवासी अभिषेक राज ने कोर्ट को मैरेज सर्टिफिकेट सौंपा। इसके साथ ही इस मामले में एक नया मोड़ आया जबकि शादी का प्रलोभन दे शारीरिक संबंध कायम करने वाले विपक्षी ने गर्भवती होते ही परिवादिनी की ओर से मुख मोड़ शादी से इंकार कर दिया था। आरोपित की सारी जानकारी होते हुए भी किसी ने समर्थन नहीं किया था। जबकि आरोपित परिवादिनी के बहनोई का भाई था ।अंतत: परिवादिनी 18 वर्षीय किशोरी ने सोहसराय थाना के तहत दुष्कर्म व यौन शोषण की प्राथमिकी 2009 में दर्ज की थी। अंतत: जेजेबी प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा ने सुनवाई करते हुए 22 अगस्त 17 को डीएनए जांच का निर्देश दिया था। एफएसएल रिपोर्ट में शारीरिक संबंध से पैदा हुई बच्ची का डीएनए आरोपित के सामान था। जिससे पूर्णत साबित हो गया कि आरोपी ही बच्ची का पिता है तथा यौन शोषण का आरोपी है। परिवादिनी को आरोपित के साथ यह कहते हुए 2009 में बाढ़ भेजा गया था कि उसकी बहन और बहनाई उद्योग खोल रहे हैं इसलिए उसे बुलाया है । वहां पहुंचने के बाद आरोपित ने जबरन शारीरिक संबध कायम किया। परिवार के लोगों के कहने पर आश्वासन मिला कि हल्ला न करो शादी करवा देंगे और यह सिलसिला कायम रहा। परिवादिनी के गर्भवती होते ही आरोपी ने शादी से इंकार कर दिया तथा गर्भ से हुई बच्ची का पिता होने से भी इंकार किया था ।डीएनए जांच में आरोप सच होने के बाद यदि आरोपित ने शादी नहीं किया होता तो उपर दुष्कर्म भादस की धारा 376 के तहत कड़े सजा का मामला चल सकता था। परिवादिनी और उसकी बच्ची सर्टिफिकेट सौंपने के साथ पुन: पत्नी तथा बच्ची पुत्री का दर्जा प्राप्त कर कानूनी दृष्टि से भी अधिकार सम्पन्न हो गई है।