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फोरलेन सड़क निर्माण कार्य ससमय पूरा होने में पेंच न बन जाए सीमा गांव के मुआवजा का मामला

बिहारशरीफ। गया-बिहारशरीफ फोरलेन सड़क निर्माण में सबसे बड़ा रोड़ा राजगीर प्रखंड के सीमा गांव के किसान बन

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 11:25 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 11:25 PM (IST)
फोरलेन सड़क निर्माण कार्य ससमय पूरा होने में पेंच न बन जाए सीमा गांव के मुआवजा का मामला
फोरलेन सड़क निर्माण कार्य ससमय पूरा होने में पेंच न बन जाए सीमा गांव के मुआवजा का मामला

बिहारशरीफ। गया-बिहारशरीफ फोरलेन सड़क निर्माण में सबसे बड़ा रोड़ा राजगीर प्रखंड के सीमा गांव के किसान बन रहे हैं। ये किसान अधिग्रहित जमीन की मुआवजा वर्ष 2017-18 में संशोधित दर तथा व्यवसायिक दर पर मांग कर रहे हैं जबकि जिला भू-अर्जन विभाग उन्हें मुआवजा वर्ष 2013-14 की दर पर देने के लिए कई बार सीमा गांव में जाकर कैंप कर चुकी है। लेकिन कुछ किसानों को छोड़ कोई मुआवजा लेने नहीं आ रहे हैं। इसी कड़ी के तहत डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम के निर्देश पर रविवार को अवकाश होने के बाद भी भू-अर्जन विभाग ने सीमा गांव जाकर मुआवजा भुगतान करने के लिए कैंप किया था। लेकिन कोई किसान कैंप में मुआवजा लेने नहीं आया। उसके पहले एसडीओ राजगीर संजय कुमार, डीसीएलआर राजगीर इस्तेखार अहमद और सीओ कई बार सीमा गांव जाकर किसानों को मुआवजा देकर निर्माण कार्य शुरू कराने का प्रयास कर चुके हैं। नए संशोधित दर से मुआवजा नहीं मिलने से नाराज सीमा गांव के किसान पिछले दिनों फोरलेन सड़क निर्माण के लिए डाली गई मिट्टी पर केले का पौधा रोप दिया था। इस संबंध में वैसे किसान जिनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया था उसमें शामिल श्रीकांत प्रसाद, जोगेन्द्र कुमार, मृत्युंजय कुमार, सतीश प्रसाद, वीरेन्द्र कुमार, जनार्दन प्रसाद, मनुका देवी, रामचन्द्र प्रसाद सिन्हा आदि किसानों ने बताया कि हम लोगों की जमीन व्यावसायिक है लेकिन हमें जो मुआवजा दी जा रही है वह धनहर का मूल्यांकन कर दी जा रही है। इस संबंध में वाजिब मुआवजा लेने के लिए कोर्ट में सरकार के निर्णय के विरुद्ध अपील दायर किया गया है। मामला कोर्ट में सुनवाई के लिए पड़ा हुआ है ऐसे में हमारे जमीन में बिना कोर्ट के फैसला का इंतजार किए बिना फोरलेन सड़क निर्माण के लिए जबरन मिट्टी डाली जा रही है जो सरासर न्यायालय की अवहेलना है। इस संबंध में डीसीएलआर ने बताया कि रेगुलर रूप से जिले में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी नहीं रहने के कारण आज यह समस्या उत्पन्न हो गई है। जिन अधिकारी को जिला भू-अर्जन विभाग का अतिरिक्त प्रभार देकर विभागीय कार्य संपन्न प्रशासन कराया जा रहा है वे इस मुद्दे को सुलझाने में समयाभाव कारण समय नहीं दे पा रहे हैं। इस संबंध में डीएम ने बताया कि सीमा गांव के लोग काफी सुलझे हैं और इनको जल्द पूरी स्थिति से अवगत कराकर प्रशासन राजी कर लेगा। फोरलेन सड़क निर्माण निर्धारित समय पर पूरा हो जाएगा। इसके पहले भी कई अड़चने आई थी लेकिन किसानों तथा अधिकारियों के समझ-बूझ से उस समस्या का निदान खोज लिया गया था। भू-स्वामियों को वाजिब मुआवजा मिले इसके लिए प्रशासन पूरा प्रयास अपने स्तर पर कर रहा है।

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