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शत-प्रतिशत सीएमआर जमा करने वाले पैक्स को मिलेगी प्राथमिकता : डीएम

बिहारशरीफ। अगले धान की खरीद के सीजन में उसी पैक्स व व्यापार मंडल को प्राथमिकता दी जाएगी जो पिछले स

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 10:39 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 10:39 PM (IST)
शत-प्रतिशत सीएमआर जमा करने वाले पैक्स को मिलेगी प्राथमिकता : डीएम
शत-प्रतिशत सीएमआर जमा करने वाले पैक्स को मिलेगी प्राथमिकता : डीएम

बिहारशरीफ। अगले धान की खरीद के सीजन में उसी पैक्स व व्यापार मंडल को प्राथमिकता दी जाएगी जो पिछले सीजन में जितने धान की खरीद किए थे उसके एवज में शत-प्रतिशत सीएमआर तैयार चावल राज्य खाद्य निगम को दे दिए थे। उक्त जानकारी रविवार को जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने दी। उन्होंने बताया कि पहले से डिफाल्टर चल रहे पैक्स व व्यापार मंडल के साथ सहकारिता विभाग कोई खरीद-फरोख्त नहीं कराएगी। डीएम ने कहा कि जिला सहकारिता पदाधिकारी अमजद हयात वर्क को निर्देश दिया गया है कि वे पैक्स व व्यापार मंडल जिनसे आगामी सीजन में धान की अधिप्राप्ति कराना है उसकी लिस्ट पूरी पारदर्शिता के साथ तैयार करना शुरू कर दें। उन्होंने बताया कि अगर मानसून बेहतर रहा और धान की अधिप्राप्ति समय से शुरू हुई तो इस वर्ष 1.5 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जाएगी। इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि जिले में निबंधित 249 पैक्स व 12 व्यापार मंडल हैं। पिछले वर्ष उसमेंसे 194 पैक्स व 11 व्यापार मंडल को धान अधिप्राप्ति करने की जवाबदेही दी गई थी। इनके द्वारा 1.5 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के विरुद्ध 60,271.848 मीट्रिक टन धान की खरीद किया गया था। जो धान की खरीद 194 पैक्स व 11 व्यापार मंडल किए थे उसके एवज में उनको राज्य खाद्य निगम को 40,516.138 मीट्रिक टन सीएमआर तैयार चावल देना था। इसमें से अधिकांश पैक्स व व्यापार मंडल ने निर्धारित समय-सीमा के अंदर शत-प्रतिशत सीएमआर जमा कर दिए थे। इक्का-दुक्का पैक्स ही सीएमआर जमा नहीं किए थे। उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि सीएमआर जमा करने के लिए पैक्स व व्यापार मंडल को कई मौका दिया गया था। पहले इनको सीएमआर 30 जून तक जमा कर देना था, लेकिन उनके द्वारा समय बढ़ाने की मांग किए जाने के कारण वह बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया गया था। इस संबंध में राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक प्रभार सह वरीय उप समाहर्ता राम बाबू ने बताया कि शत-प्रतिशत सीएमआर जिले में जमा हो जाए इसके लिए पैक्स व व्यापार मंडल को कई सहुलियत दी गई थी। उसके बावजूद कुछ ने सरकार को चावल देना उचित नहीं समझ रहे थे। जबकि उनको सीएमआर जमा करने के लिए हर स्तर से प्रयास किया गया था। अब उनके विरुद्ध गबन का मामला दर्ज होगा।

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