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फसल क्षति अनुदान को ले एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

बिहारशरीफ-राजगीर : कम वर्षपात वाले राज्य के 206 प्रखंड हैं। कम वर्षपात वाले प्रखंड के किसानों के फस

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 07:00 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 07:00 PM (IST)
फसल क्षति अनुदान को ले एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

बिहारशरीफ-राजगीर : कम वर्षपात वाले राज्य के 206 प्रखंड हैं। कम वर्षपात वाले प्रखंड के किसानों के फसलों के नुकसान की भरपाई करने के लिए राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित फसल अनुदान योजना के तहत किसानों को राहत देने का निर्णय ले रखा है। यह जानकारी शनिवार को फसल क्षति अनुदान योजना की सफल क्रियान्वयन को ले राजगीर स्थित आरआइसीसी में आयोजित कार्यशला को संबोधित करते हुए डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कही। उन्होंने बताया कि वर्षा आश्रित किसानों की फसलों को ¨सचित करने के लिए ¨सचाई अधारित फसल धान के लिए प्रति हेक्टेयर 13 हजार 500 रुपए तथा पेरिनियल यानि कि कम वर्षा आाधरित अधिकतम 2 हेक्टेयर फसलों के लिए 18 हजार रुपए अनुदान दी जाएगी। इसके लिए किसानों को निबंधन कराना अनिवार्य होगा। इसी व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि पहले 11 प्रखंड जहां अल्प बारिश हुई थी और वहां सुखाड़ की स्थिति बन गई थी। वहां की रिपोर्ट सर्वे के आधार पर शासन को भेजा गया था। जिसे शासन ने सुखाड़ प्रखंड मान लिया है। उसी प्रकार शेष बचे 9 प्रखंड का भी दोबारा सर्वे 21 व 22 अक्टूबर को कराकर अगर फसल क्षति की संभावना रहेगी तो उसका प्रतिविदन कृषि मंत्रालय को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि नवंबर में इसी मामले को लेकर एक राज्यस्तरीय बैठक मंत्रालय की होनी है। जिसमें उम्मीद है कि द्वितीय चरण में शेष बचे नव प्रखंड भी सुखाड़ प्रखंड घोषित हो जाएंगे। डीएम ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा अनुदान को ले अब तक जिले 88 हजार किसानों का निबंधन ऑन लाइन कर चुका है। ऑन लाइन आवेदन करने में किसानों को कोई असुविधा न हो इसके लिए चार-पांच पंचायत में एक जगह एक कार्यपालक सहायक पूरी उपकरण के साथ बीडीओ प्रतिनियुक्त करेंगे। ऑन लाइन आवेदन देने वाले किसानों के फसलों का भौतिक सत्यापन 10 दिनों में करने की जवाबदेही किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक की रहेगी। उसके बाद उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए रिपोर्ट की समीक्षा कर जिला कृषि पदाधिकारी आगे शासन को भेजेंगे। डीएम ने कहा कि इस कार्य की लगातार अनुश्रवण करने की जवाबदेही प्रखंड स्तर पर बीडीओ को, अनुमंडल स्तर पर एसडीओ को तथा जिलास्तर पर वे स्वयं करेंगे। वहीं प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी प्रतिदिन इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों के निष्पादन की समीक्षा करेंगे। इस अवसर पर योजना के लिए आयोजित कार्यशाला में डीडीसी राकेश कुमार, एडीएम नौशाद अहमद, जिला आपदा प्रबंधन शाखा प्रभारी संजय कुमार, वरीय उप समाहर्ता प्रमोद कुमार, बृजेश कुमार, अमरेन्द्र कुमार, डीएसओ सह थरथरी प्रखंड के वरीय पदाधिकारी रविशंकर उरांव, अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर, जिला कृषि पदाधिकारी, बीडीओ, बीएओ, बीसीओ, किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक, पैक्स अध्यक्ष, मुखिया तथा अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

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