साल के पहले दिन प्राचीन नालंदा विवि के रिकार्ड 27 हजार टिकट बिके
सिलाव : नव वर्ष के अवसर पर देशी-विदेशी सैलानी इस साल वडी संख्या में नालंदा पहुंच रहे हैं। यहां आये
सिलाव : नव वर्ष के अवसर पर देशी-विदेशी सैलानी इस साल वडी संख्या में नालंदा पहुंच रहे हैं। यहां आये सैलानियों ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष, भारतीय पुरातत्व संग्रहालय और भारत-चीन मैत्री का प्रतीक ह्नेनसांग मेमोरियल हॉल का भ्रमण व दीदार कर नालंदा के इतिहास को नजदीक से देखा और समझा। बता दें कि शराबबंदी के बाद से यह जगह सैलानियों की पहली पंसद बन गयी है। खंडहर में प्रवेश का शुल्क बढ़ने के बाद भी सैलानियों पर कोई असर नही हुआ है। साल के पहले दिन रिकॉर्ड 27 हजार से अधिक देसी- विदेशी पर्यटकों ने दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालय के भग्नावशेष से साक्षात्कार किया। जो लोग नालंदा को केवल किताबों में पढ़े थे। इसे साक्षात देख कर गौरवान्वित महसूस करते रहे। इनके अलावा बिना टिकट वाले लाखों छात्र-छात्राओं ने भी इस प्राचीन विद्या मंदिर का दीदार किया। संग्रहालय अधीक्षक डॉ शंकर शर्मा के अनुसार एक जनवरी को यहां पहली बार इतनी भीड़ देखी जा रही है। ताइवान, चीन, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया, यूरोप, अमेरिका, श्रीलंका, थाईलैंड, कंबोडिया और बर्मीज बौद्ध तीर्थयात्री ने इस विरासत को देखा है। दूसरी तरफ सिलाव का सुप्रसिद्ध खाजा खरीदने वालों की भी लंम्बी भीड़ रही। सिलाव खाजा नगरी साल के प्रथम दिन दुल्हन की तरह सजी है। राजगीर से पिकनिक मनाकर लौटनेवाले सैलानी अपने परिजनों के लिए खाजा का संदेश ले जाना नहीं भूलते हैं। स्थायी दुकानों के अलावा करीब दो दर्जन अस्थायी खाजा की दुकानें खोल दी गई हैं।