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भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव पर चढ़ाया 11 किलो का निर्वाण लाडू

जैन धर्मावलंबियों के पवित्र तीर्थस्थल भगवान महावीर स्वामी की निर्वाण भूमि पावापुरी में उनके 2547 वां निर्वाणोत्सव शुक्रवार को धूमधाम से संपन्न हो गया। इस अवसर पर जैन श्रद्धालुओं ने चांदी की रथ पर भगवान महावीर की प्रतिमा को विराजमान कर शोभायात्रा निकाली।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Nov 2021 09:39 PM (IST)Updated: Fri, 05 Nov 2021 09:39 PM (IST)
भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव पर चढ़ाया 11 किलो का निर्वाण लाडू

संवाद सूत्र, पावापुरी : जैन धर्मावलंबियों के पवित्र तीर्थस्थल भगवान महावीर स्वामी की निर्वाण भूमि पावापुरी में उनके 2547 वां निर्वाणोत्सव शुक्रवार को धूमधाम से संपन्न हो गया। इस अवसर पर जैन श्रद्धालुओं ने चांदी की रथ पर भगवान महावीर की प्रतिमा को विराजमान कर शोभायात्रा निकाली। वहीं देर रात जलमन्दिर में महापरिनिर्वाण लाडू चढ़ाया। इस अवसर पर जैन श्रद्धालुओं ने श्वेताम्बर मंदिर से गाजे-बाजे, ध्वज-पताका के साथ हर्षोल्लासपूर्वक यात्रा निकाली। इस दौरान जैन श्रद्धालु भगवान महावीर के दिव्य संदेश, सत्य-अहिसा, जियो और जीने दो जैसे अमर संदेश का जयघोष करते हुए पूरे भक्ति-भाव पूर्वक झूमते-नाचते भजन करते जल मंदिर पहुंचे, जहां देर रात भगवान के चरणों मे लाडू अर्पित किया।

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वहीं दिगम्बर श्रद्धालुओं ने 1008 दीपक जलाया

भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव के अवसर पर दिगम्बर मंदिर में 1008 दीपक जलाया गया। वहीं मध्यप्रदेश से आये रंगोली कलाकार ने मंदिर में आकर्षक रंगोली उकेरी। इसके पश्चात बाहर से आये जैन धर्मावलंबी मुकुट, माला पहनकर गाजे-बाजे के साथ रथ पर सवार होकर दिगम्बर जैन मंदिर से भगवान महावीर स्वामी की निर्वाण भूमि जलमंदिर पहुंचे। जहां हर्षोल्लास पूर्वक महाआरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालु ने मंत्रोच्चार के साथ जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक एवं शांतिधारा किया। इस दौरान जैन श्रद्धालु पारंपरिक वस्त्र में भगवान महावीर को जल, चंदन, दुग्ध , दही, घृत, इच्छु रस आदि अन्य प्रकार के रसो से भगवान का महमस्तकाभिषेक किया। पूजा-अर्चना के दौरान जलमंदिर भगवान महावीर के जयकारों से गुंजायमान होता रहा। इसके पश्चात श्रद्धालुओं ने 11 किलो का लाडू चढ़ाया ।

---------------------------------------------------------------------- कार्तिक कृष्ण अमावस्या को उषा काल में महावीर स्वामी को प्राप्त हुई थी मोक्ष

महाराष्ट्र गुजरात राजस्थान के जैन तीर्थयात्री यहां पहुंचकर जलमन्दिर में महावीर स्वामी के अतिप्राचीन अतिशयकारी चरण के समक्ष निर्वाण लाडू चढ़ाया। बात दें कि भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के अंतिम 24 वें तीर्थंकर हैं जिन्हें कार्तिक कृष्ण अमावस्या को उषा बेला में पावापुरी से निर्वाण (मोक्ष) की प्राप्ति हुई थी। इसी उपलक्ष्य में जैन अनुयायी भगवान महावीर के श्री चरणों में निर्वाण लाडू समर्पित करते हैं।

-------------------- लाडू चढ़ाने मध्यरात्रि से ही कतार में खड़े थे जैन श्रद्धालु

जलमन्दिर में निर्वाण लाडू चढ़ाने के लिए मध्यरात्रि से ही जैन श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही थी। सभी कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। जब शोभायात्रा जलमन्दिर पहुंची तो श्री जी के दर्शन को श्रद्धालु उमड़ पड़े।


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