नरेश कुमार महारथी बने हिलसा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, 95 फीसद हुआ था मतदान
शुक्रवार को हिलसा अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद नरेश कुमार महारथी हिलसा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किये गए। चुनाव में 95 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था।
हिलसा : शुक्रवार को हिलसा अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद मतगणना का परिणाम सामने आ गया है। अधिवक्ता नरेश कुमार महारथी को हिलसा अधिवक्ता संघ का अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एजाज अहमद को 33 वोट के अंतर से हराया है। नरेश कुमार महारथी को 147 एवं एजाज अहमद को 114 वोट प्राप्त हुए हैं। महासचिव पद के लिए पंकज कुमार निर्वाचित घोषित किए गए हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी शिव शंकर प्रसाद को 48 मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की है। पंकज कुमार को 191 एवं शिव शंकर प्रसाद को 143 मत प्राप्त हुआ है। उपाध्यक्ष के 3 पद के लिए चंद्रिका पांडेय, दिलीप कुमार सिन्हा एवं अवधेश कुमार चुने गए हैं। तीनों को क्रमश: 198 , 171 एवं 169 वोट प्राप्त हुआ। सहायक सचिव के 3 पद के लिए कांग्रेस कुमार, सगीना पासवान एवं हर्षित प्रसाद, निर्वाचित घोषित किए गए। तीनों को क्रमश: 243 ,209 एवं 190 वोट मिला है। संयुक्त सचिव के 3 पद के लिए उमेश प्रसाद, प्रकाश कुमार एवं सुरेंद्र प्रसाद सिंह निर्वाचित हुए हैं । तीनों को क्रम से 214, 201 एवं 153 मत प्राप्त हुआ है। अंकेक्षक के दो पद के लिए सुमन शर्मा एवं विनोद कुमार निर्वाचित घोषित किए गए दोनों को क्रमश: 220 एवं 128 वोट मिला है। कार्यकारी समिति सदस्य के 7 पद के लिए रानी प्रियंका कुमारी नरेश प्रसाद अर्जुन शर्मा धर्मेंद्र कुमार श्याम नंदन प्रसाद रामबली प्रसाद एवं नवल किशोर पांडेय निर्वाचित घोषित किये गये हैं । विदित हो कि हिलसा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, सहायक सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष, अंकेक्षक समेत कार्यकारिणी समिति सदस्य के पदों के लिए बीते 29 मार्च को नामांकन की प्रक्रिया संपन्न हुई थी। जिसमें अध्यक्ष पद के लिए 5, उपाध्यक्ष पद के लिए 5, महासचिव पद के लिए 4, सहायक सचिव पद के लिए 4, संयुक्त सचिव पद के लिए 4, अंकेक्षक पद के लिए 7 एवं कार्यकारिणी समिति सदस्य के लिए 11 अधिवक्ताओं ने नामांकन किया था। कोषाध्यक्ष पद के लिए केवल एक नामांकन होने के कारण मृत्युंजय मोहन मेहता पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। जबकि कार्यकारिणी सदस्य पद के लिए एक अधिवक्ता का नामांकन रद्द हो गया था। शुक्रवार को पूर्वाह्न 8 बजे से अपराहन 2 बजे तक मतदान की प्रक्रिया चली। जिसमें अधिवक्ताओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। 396 अधिवक्ता वोटरों में से 376 ने मतदान की प्रक्रिया में भाग लिया था। शुक्रवार को अपराह्न 4 बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो मध्य रात्रि के बाद तक चली थी। इस मतदान का सबसे महत्वपूर्ण पहलू 95 फीसद मतदान होना रहा। आशय यह कि अधिकांश वकीलों ने मतदान किया और वास्तविक बहुमत के बूते तमाम पदों के प्रत्याशी निर्वाचित घोषित किए गए।