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सुहागिनों ने कहा, आक्सीजन संकट दूर करने के लिए जीवन में जरूर लगाएं एक वट वृक्ष

बिहारशरीफ। पति की लंबी आयु एवं स्वस्थ जीवन की कामना के लिए महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा की और पति की दीर्घायु की कामना की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 12:01 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 12:01 AM (IST)
सुहागिनों ने कहा, आक्सीजन संकट दूर करने के लिए जीवन में जरूर लगाएं एक वट वृक्ष
सुहागिनों ने कहा, आक्सीजन संकट दूर करने के लिए जीवन में जरूर लगाएं एक वट वृक्ष

बिहारशरीफ। पति की लंबी आयु एवं स्वस्थ जीवन की कामना के लिए महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा की। व्रत के दौरान सावित्री-सत्यवान कथा सुन महिलाओं ने ब्राह्मण को अन्न, वस्त्र , द्रव, बर्तन एवं ताड के पंखे दान में दिए। व्रत को लेकर बाजार में रौनक बढ़ी रही। सौंदर्य सामग्री एवं फलों की बिक्री खूब हुई। बिहारशरीफ के अंबेर, धनेश्वर घाट सोहसराय आदि स्थानों पर पूजा की धूम रही। डैफोडिल स्कूल में गमले में लगे वट पौधे की पूजा हुई। जिलेभर में यह व्रत दो दिन इसलिए रखा गया, क्योंकि ज्येष्ठ अमावस्या का प्रवेश बुधवार को अपराह्न करीब दो बजे हुई थी, जो गुरुवार अपराह्न तक प्रभावी रहा। गुरुवार को सूर्यग्रहण के कारण बहुतायत सुहागिनों ने व्रत के लिए बुधवार का ही चुनाव किया था। स्कंद पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, पति के दीर्घायु के लिए वट वृक्ष की पूजा की जाती है। इसे वट-सावित्री व्रत भी का जाता है। कहते हैं, धृष्टद्युम्न की इकलौती संतान सावित्री ने अल्पायु पति सत्यवान का प्राण यमराज से दान में मांगा था। सत्यवान की मृत्यु और जीवन दान मिलने की घटना वट वृक्ष के नीचे हुई थी। तब से वट वृक्ष की पूजा भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन गया।

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महिलाओं की अपील

वट पूजन का विज्ञानी आधार

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हरनौत के आदर्श नगर निवासी मुकेश कुमार की पत्नी सृष्टि अनुपमा कहते हैं कि वट वृक्ष की पूजा का वैज्ञानिक आधार है । मैं इस बार बरगद का पौधा लगाऊंगी। ताकि पर्यावरण समृद्ध हो सके।

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प्रकृति प्रेम का छुपा संदेश

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थरथरी में शिक्षिका के पद पर कार्यरत विभा कुमारी कहती हैं कि वट सावित्री पूजा पति की दीर्घायु के लिए की जाती है। लेकिन इसमें प्रकृति प्रेम का संदेश भी छुपा है। पेड़ों से प्रेम करना चाहिए। मैं भी वट वृक्ष लगाऊंगी।

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आश्रय का प्रतीक है वट वृक्ष

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हरनौत के आदर्श नगर निवासी शिक्षक मुकेश कुमार की पत्नी सरोजिनी कुमारी गृहिणी हैं। इन्होंने भी वट- सावित्री व्रत रखा तथा वट वृक्ष लगाने का संकल्प लिया। कहती हैं, वटवृक्ष आश्रय दाता है। इसकी सेवा करनी ही चाहिए। इसके पूजन का बड़ा महत्व है।

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वट पूजन से त्रिदेव होते प्रसन्न ़फोटो--8

हरनौत के रूपसपुर निवासी पवन कुमार की पत्नी अंजली कुमारी ने भी वट-सावित्री व्रत रखा। इन्होंने वट वृक्ष लगाने का संकल्प लिया। कहा वृक्ष में त्रिदेव ब्रह्म, विष्ण,महेश का वास है। हालांकि इनकी जीविका लकड़ी के व्यवसाय से जुड़ा है । फिर भी इन्होंने हरे पेड़ों को बचाने का पक्ष रखा। इनका मानना है कि पेड़ से ही जीव जंतु की सुरक्षा है। -------------------------------- घर के निकट करेंगी वट वृक्ष पूजा फोटो--9 हरनौत के पोरई निवासी पवन कुमार गुड्डू कुमार की पत्नी वर्षा देवी गृहिणी हैं। इन्होंने अपने घर के आगे वट वृक्ष लगाने का संकल्प लिया। कहा निकट में पेड़ होने से वट पूजा करने दूर सड़क किनारे नहीं जाना पड़ेगा। इनकी जीविका लकड़ी व्यवसाय से चलती है। ----------------- सर्वाधिक आक्सीजन देता है वट वृक्ष

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चंडी प्रखंड के सुदूरवर्ती सरथा पंचायत के टांडा पर निवासी ग्रामीण आवास सहायक रामानंद कुमार की पत्नी प्रियंका भारती ने कहा वृक्षों की पूजा बेहद जरुरी है। यह प्राणदाता है। पक्षियों का आश्रय भी वृक्षों पर ही होता है। वट वृक्ष सर्वाधिक ऑक्सीजन देने वाला पेड़ है। इस कारण हरेक को अपने जीवन में एक वट वृक्ष जरुर लगाना चाहिए।


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