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बेटी की तरह ' मां ' दुर्गा को दी गई विदाई

जागरण संवाददाता बिहारशरीफ (नालंदा) हमनी के छोड़ी के नगरिया नू होकहवा जइबू ऐ माई

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 12:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 12:00 AM (IST)
बेटी की तरह ' मां ' दुर्गा को दी गई विदाई

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ (नालंदा): हमनी के छोड़ी के नगरिया नू हो,कहवा जइबू ऐ माई। इन्हीं अहसासों के साथ शहरवासियों ने माता रानी को एक बेटी की तरह नम आंखों से शनिवार को विदाई दी। पौराणिक परंपरा के अनुसार मंत्रोच्चार के बीच माता को खोइंछा दी गयी। यह भावपूर्ण ²श्य देख महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की आंखें डबडबा गयीं। पूरे शहर में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन शाम तक चलता रहा। जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के सख्त इंति•ाम किए गए थे। खुद डीएम योगेंद्र सिंह व एसपी हरि प्रसाथ एस पूरे जुलूस का जायजा लेते रहे। एसडीओ कुमार अनुराग, डीएसपी शिब्ली नोमनी, डीएसपी ट्रैफिक अरुण कुमार सहित सभी थानों के थानाध्यक्ष मुस्तैद दिखें। डीएम व एसपी ने आयोजकों को निर्देश दिया था कि प्रतिमाएं हर हाल में शनिवार को विसर्जित कर दी जाए, ताकि परेशानी न हो। हुआ भी ऐसा ही आयोजकों ने प्रशासन के निदेश का ख्याल रखा। शांति व सदभाव के बीच दुर्गा पूजा समाप्त हो गया। महलपर, भरावपर, भैंसासुर, नीमगज, पुलपर, खंदक पर, गढ़पर, कमरुद्दीनगंज, सोहसराय, बड़ी पहाड़ी, बनौलिया, भुसट्टा,

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अलीनगर व सोहडीह के लोगों ने विधि-विधान से मां दुर्गे की आरती की। जय माता दी के जयकारे से पूरा फिजा भक्तिमय हो गया। फूलों की वर्षा के बीच आस्था की सरिता में गोते लगा रहे भक्त मां के अंतिम दर्शन कर उनके चरण स्पर्श को बेताब दिखे।आगे आगे माता की सवारी और पीछे सैकड़ों महिलाओं का हुजूम विदाई देने काफी दूर तक गयी। हालांकि मां दुर्गा की विदाई को लेकर पूरा शहर मायूस था। सुबह से ही शहर में चहल पहल नहीं दिखी। बता दें कि कोरोना गाइडलाइन्स के मद्देनजर आयोजकों ने भव्य पंडाल का निर्माण नहीं किया था।

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हर्षोल्लास व धार्मिक वातावरण में दशहरा पर्व मनाया गया

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में पूरे हर्षोल्लास व धार्मिक वातावरण में दशहरा पर्व मनाया गया। नौंवी व दशवीं विजयादशमी के दिन पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी औऱ माता का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से शहर के विभिन्न चौक-चौराहे पर डटी रही। भैसासुर मां काली, मोहद्दीनगर अम्बेर, बड़ी पहाड़ी, छोटी पहाड़ी, सिगारहाट, एतबारी बाजार, डाकबंगला चौराहा, हबीबपुरा, मोगलकुआं, बसारबिगहा, खासंगज, सोहडीह, सहोखर, किसान कालेज, आशानगर आदि तमाम जगहों पर मांता के दर्शन व पूजा पंडालों को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चार पहिया, टोटो, आटो, रिक्शा सभी पर रोक लगाई गई थी। सिर्फ दो पहिया वाहन ही सड़कों पर दिखा। वाहनों के नहीं चलने से लोगों को परेशानी तो हुई पर भीड़ पर चलने के लिए भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। इधर सिलाव

बाजार सहित भूई, करियना, नालंदा मोड़, सारिल चक मोड़, नीरपुर बाजार ,जुआ़फर बाजार सहित अन्य जगहों पर 2 दर्जन से अधिक पूजा पंडालों का निर्माण किया गया था, जहां पर मां दुर्गा, काली की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई थी। क्षेत्र के सिलाव बाजार एवं कुछ अन्य जगह को छोड़ अधिकांश पूजा समिति के द्वारा प्रतिमा का विसर्जन शनिवार की सुबह की गई। वही सिलाव बाजार में प्रतिमा विसर्जन रविवार के दिन होगी। सिलाव बाजार के पूजा पंडाल समिति के लोगों ने बताया कि धर्मानुसार बेटी की विदाई शनिवार के दिन नहीं की जाती है। धार्मिक मान्यताओं को कायम रखते हुए माता का विसर्जन रविवार को शुभ मुहूर्त में किया जाएगा।


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