मांगों को ले किसानों ने निकाला विशाल जुलूस
नालंदा। अखिल भारतीय किसान सभा जिला इकाई ने शनिवार को अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर किसानों ने प्रदर्
नालंदा। अखिल भारतीय किसान सभा जिला इकाई ने शनिवार को अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन श्रम कल्याण केन्द्र से अस्पताल चौराहा से आगे भैंसासुर चौक के रास्ते समाहरणालय पहुंचकर जिलाधिकारी को सात सदस्यीय शिष्टमंडल ने मांगों का ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान सभा के सचिव सत्येन्द्र कृष्णम ने सरकार से मांग की है कि महंगाई के अनुपात में अनाज की कीमत तय की जाए। किसान सभा के अध्यक्ष रामसनेही ¨सह ने किसानों के सभी प्रकार के कर्जे को माफ करने की मांग की। वहीं राज्य किसान नेता रामधार ¨सह ने स्वामीनाथन कमीशन की किसान पक्षी सिफारिशों को लागू करने की बात कही। मीडिया प्रभारी डा. मनोज कुमार ने वाटर हार्वे¨स्टग पर जोर देते हुए कहा कि सर्वें में चिन्हित नहर-अहर-बैन और पैन की गहरी खुदाई की जाए। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 सालों के बाद भी किसानों की माली हालत में सुधार नहीं हुई। उल्टे किसान गांव छोड़कर दूर-दराज में मजदूरी करने पर विवश है। दूसरी ओर देश के नौकरशाह और पूंजीपतियों, राजनीतिज्ञों की आमदनी दिन दुगुनी रात चौगुनी बढ़ रही है। किसान अपनी किसानी छोड़कर अन्यत्र पलायन करने को विवश हैं। वक्ताओं ने कहा कि राजनीतिज्ञ पूंजीपति और नौकरशाह अपने दायरे को बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा राष्ट्रीय मुनाफे को अपने कब्जे में कर रहा है। एक तरफ किसानों को चेतावनी दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त की जा रही है वहीं दूसरी ओर पूंजीपतियों और राजनीतिज्ञों को देश की आमदनी लूटने की छूट की अनुज्ञप्ति सरकार द्वारा दी जा रही है। प्रदर्शन में दिनेश ¨सह, पप्पू कुमार यादव, गोपाल चन्द, अरविन्द यादव, सुनील ¨सह, राजाराम, हिमांशु, किस्सू ¨सह, नर्मदेश्वर ¨सह, रामाशीष ¨सह एवं विजय ¨सह आदि सैकड़ों नुकसान शामिल थे।
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ये है उनकी मांगें
1. महंगाई के अनुपात में अनाज खरीदना होगा
2. स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को लागू करने
3. मनरेगा को खेती से जोड़ने
4. कृषि को उद्योग का दर्जा देने
5. किसानों का कर्म माफ करो