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कल्याणबिगहा लाइव : हमारे नीतीश 'बाबू' फिर बन गए मुख्यमंत्री

पांचवीं बार सूबे के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा के लोगों में खुशी का इजहार करने के लिए शब्द कम पड़ गए हैं।शुक्रवार को सुबह से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहतर कार्यकाल के लिए लोग गांव के देवी स्थान मंदिर में पूजा-पाठ एवं कीर्तन किया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2015 06:23 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2015 06:44 PM (IST)

बिहारशरीफ [अशोक सिंह]। पांचवीं बार सूबे के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा के लोगों में खुशी का इजहार करने के लिए शब्द कम पड़ गए हैं। राजधानी पटना से 50 किमी एवं नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से करीब 25 किमी दूर हरनौत, वहां से सात किमी पश्चिम कल्याण बिगहा है।

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शुक्रवार को सुबह से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहतर कार्यकाल के लिए लोग गांव के देवी स्थान मंदिर में पूजा-पाठ एवं कीर्तन कर रहे हैं। गांव में नृत्य का कार्यक्रम भी हुआ। दिन में गांव के लोगों ने एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगा एवं मिठाई खिलाकर जश्न मनाया। कल्याण बिगहा के लोग कहते हैं कि इस गांव की पहचान ही नीतीश के कारण है।

केयर टेकर सीताराम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक घर के दरवाजे पर मौजूद हैं। वे वहां खेती में काम आने वाले पंप सेट को बनवाते दिखे। परंतु सीताराम को पटना में चल रही राजनीति हलचल को जानने में भी दिलचस्पी है।

वे कहते हैं, पटना में अभी क्या हो रहा है उन्हें तो कोई जानकारी नहीं, परंतु वे इतना जरूर जानते हैं कि हमारे नीतीश बाबू एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए हैं। बाबू ने हमें बुलाया था। हमने उनसे कह दिया, आप वहां देखिए, हमें यहां बहुत काम है। लेकिन इस बार अपने घर में बिजली जलनी चाहिए।

नीतीश कुमार के गांव के देवी स्थान के पास बने चबूतरे पर गांव की महिलाएं धूप में बैठकर बिहार की राजनीति को लेकर बहस में मशगूल हैं। सभी महिलाएं एक स्वर में कहती हैं, नीतीश बाबू को एक बार फिर मुख्यमंत्री के रूप में देखने का सपना पूरा हुआ।

नीतीश कुमार के पड़ोसी स्वर्गीय देवेंद्र सिंह की पत्नी आशा देवी को एक बात का मलाल है। वह कहतीं हैं हमारे पड़ोसी नीतीश बाबू हम से मिलते नहीं है। फिर कहती हैं, चलिए मिलते नहीं हैं तो कोई बात नहीं, पर बिहार के विकास के लिए नीतीश को मुख्यमंत्री बनना जरूरी था। गांव में स्मृति वाटिका के पास भ्रमण कर रहे धरमराज पांडेय कहते हैं, बाबू (नीतीश) गांव, राज्य और देश के विकास के विषय में सोचते हैं, ऐसे लोगों को ही राज्य और देश की बागडोर देनी चाहिए।

इधर, कल्याण बिगहा स्कूल में लोगों को शपथ ग्रहण समारोह देखने के लिए टीवी लगाया गया है। यहां चुन्नू राम कहते हैं, गांव से लेकर पूरे राज्य के लिए नीतीश बाबू ने काफी कुछ किया है। आज जो स्थिति राज्य की है, वह किसी से छिपी नहीं है। उनके ही प्रयास से बिहार में विकास दिखा था। बेहतर बिहार के लिए नीतीश बाबू को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनना जरूरी था।


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