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डीएम ने कहा बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाना अभियान का उद्देश्य

बिहारशरीफ। राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत ब'चों, गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं में पोषण के परिणाम में व्यापक सुधार लाने को ले देशव्यापी कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 10:46 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 10:46 PM (IST)
डीएम ने कहा बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाना अभियान का उद्देश्य

बिहारशरीफ। राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं में पोषण के परिणाम में व्यापक सुधार लाने को ले देशव्यापी कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत आयोजित किया जा रहा है जिसका उद्घाटन पिछले 8 मार्च को राजस्थान के झुझुनू में खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। उक्त जानकारी मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम हरदेव भवन के सभागार में राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन को ले जिलास्तरीय समन्वय समित की बैठक में दी। डीएम ने बताया कि कार्यक्रम के माध्यम से किशोरियों, गर्भवती तथा धात्री महिलाओं पर फोकस के साथ बच्चों में बौनापन, कुपोषण, खून की कमी तथा जन्म के समय कम वजन के सत्र को कम करने का प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य में 5 वर्ष से कम उम्र के 48.3 फीसद बच्चे कुपोषण के कारण बौनापन से ग्रसित हो गए हैं। वैसे देखा जाए तो सामान्य तौर पर 6 से 23 माह के बच्चों में कुपोषण एवं संक्ररण का खतरा अधिक रहता है। इसी को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय पोषण अभियान चलाया जा रहा है। डीएम नें कहा कि इस अभियान के तहत विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय के माध्यम से पोषण जागरूकता को जन-जागरूकता तथा जन आंदोलन में परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए आइसीडीएस, स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएचइडी, ग्रामीण विकास, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा, पंचायती राज तथा जीविका आदि विभागों एवं स्वयंसेवी संस्थानों को आपसी समन्वय बनाकर अभियान को सफल बनाना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शून्य से 6 वर्ष के बच्चों में नाटेपन को कम करना, पोषण की कमी के कारण कम वजन की समस्या में कमी लाना, 6 से 59 माह के बच्चों में रक्त की कमी की समस्या को दूर करना तथा 15 से 49 वर्ष आयु की महिलाओं व किशोरियों में रक्त की कमी की समस्या को कम करना एवं नवजात शिशु में जन्म के समय वजन में कमी की समस्या को कम करना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस माह में विभिन्न विभागों एवं जीविका के माध्यम से पोषण के संबंध में जन-जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा हर घर में पोषण त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है। डीएम ने कहा कि इस अभियान की मॉनीट¨रग जिलास्तरीय समन्वय समिति करेगी। उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को हर आंगनबाड़ी केंद्र पर अन्नप्राशन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान 6 माह की उम्र पूर्ण करने वाले बच्चों को पूरक आहार दी जाएगी। इस दौरान महिलाओं को बताया जाएगा कि 6 माह की उम्र पूर्ण करने वाले बच्चों को पूरक आहार के साथ-साथ मां का दूध दिया जाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि इसी दौर में टाउन हॉल में जिला स्तर पर पोषण मेला का आयोजन किया जाएगा। इसमें सभी सहयोगी विभागों द्वारा पोषण से संबंधित स्टॉल लगाए जाएंगे। वहीं बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। इस अवसर पर पोषण को लेकर प्रधानमंत्री के संवाद को भी मौजूद लोगों ने सुना। इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष मीर कुमारी सिन्हा, उप विकास आयुक्त राकेश कुमार, सिविल सर्जन, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक जीविका, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी तथा महिला पर्यवेक्षिका मौजूद थी।

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