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प्रकृति और समाज के परिवर्तन में शिक्षा का अहम योगदान: कुलपति

राजगीर। हसनपुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में तीन दिवसीय आचार्य कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार से हो गया है। जिसका उदघाटन नव नालन्दा महाविहार के कुलपति वैधनाथ लाभ बौद्ध अध्ययन विभागाध्यक्ष प्रो. राणा पुरुषोत्तम एवं प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। कुलपति बैद्यनाथ लाभ ने कहा कि आज शिक्षा पर सामाजिक परिस्थितियों के प्रभाव शिक्षा की प्रकृति और सामाजिक परिवर्तनों में अति महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 12:01 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 12:01 AM (IST)
प्रकृति और समाज के परिवर्तन में शिक्षा का अहम योगदान: कुलपति
प्रकृति और समाज के परिवर्तन में शिक्षा का अहम योगदान: कुलपति

राजगीर। हसनपुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में तीन दिवसीय आचार्य कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार से हो गया है। जिसका उदघाटन नव नालन्दा महाविहार के कुलपति वैधनाथ लाभ, बौद्ध अध्ययन विभागाध्यक्ष प्रो. राणा पुरुषोत्तम एवं प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। कुलपति बैद्यनाथ लाभ ने कहा कि आज शिक्षा पर सामाजिक परिस्थितियों के प्रभाव शिक्षा की प्रकृति और सामाजिक परिवर्तनों में अति महत्वपूर्ण भूमिका होती है। समाज के कौन से पहलू सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक शिक्षा की प्रक्रिया प्रभावित करते हैं। असल में किसी भी समाज की संरचना उसकी जरूरतें और उसमें उपलब्ध अलग-अलग तरह के स्त्रोत ही उच्च शिक्षा की नीति की आधार भूमि तय करते हैं। हमें तो ऐसे युवा पीढ़ी का निर्माण करना है। जो हिदुत्वनिष्ठ और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हो। वहीं उनमें शारीरिक, प्राणिक, मानसिक और बौद्धिक तथा आध्यात्मिकता के गुण विकसित हो तथा वह जीवन की वर्तमान और आने वाली चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सके। बौद्ध अध्ययन विभागाध्यक्ष प्रो राणा पुरुषोत्तम ने कहा कि अच्छी शिक्षा जीवन में बहुत से उद्देश्यों को पूर्णता प्रदान करती है। जिससे व्यक्तिगत उन्नति के साथ सामाजिक स्तर में बढ़ावा, सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र की सफलता, जीवन में लक्ष्य को निर्धारित करना, सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता और पर्यावरण समस्याओं को सुलझाने के लिए निरंतर चितन मंथन की जरूरत है। विद्यालय के प्राचार्य उमेश कुमार ने कहा कि अच्छी शिक्षा के माध्यम से ही समाज का आर्थिक विकास भी संभव है, बच्चे अपनी अपनी योग्यतानुसार विभिन्न क्षेत्रों में समाज का आर्थिक विकास कर रहे हैं। हमारे पूर्व छात्र परिषद के कई छात्र चिकित्सक के रूप में इंजीनियर, बैंक प्रबंधक, भारतीय प्रशासनिक सेवा, इंडियन इकोनॉमिक सेवा, राष्ट्रीय खिलाड़ी ,इंटेलिजेंस ब्यूरो ,आईटी सेक्टर , बड़ी-बड़ी कंपनियां आदि संस्थानों में सेवा कर कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय के छात्र मिलिट्री एवं पारा मिलिट्री में भी वरिष्ठ अधिकारी के रूप में नियुक्ति प्राप्त कर चुके हैं। विद्यालय के कई छात्राएं थानेदार के रूप में भी सेवा दे रही है।

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इस कार्यशाला में चर्चात्मक विषय के रूप में अनुशासन पक्ष, कक्षाचार्य की भूमिका, कक्षा पालक की भूमिका, शैक्षिक पंचांग आदि विविध विषयों पर चर्चा की योजना बनी। अतिथियों का स्वागत अमन कुमार सिंह ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन संजय कुमार पांडेय ने किया।


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