कोरोना को पटखनी दे घर वापस लौट आए हिलसा अनुमंडलीय चिकित्सक
विकट से विकट परिस्थितियों में अपनी जान को बाजी लगाकर दूसरे लोगों को बचाने वाले अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधिक्षक नोबेल को रोना वायरस से जंग जीतकर अपने घर पहुंचते ही घर के लोगों के साथ साथ पड़ोस के लोगों ने भी दिलों से आशीर्वाद देकर उन्हें भगवान से अच्छी दीर्घायु के लिए कामना की।
संवाद सहयोगी, हिलसा : कोरोना को मात देकर अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक शुक्रवार को घर वापस लौट आए। उनके घर वापसी पर लोगों ने भव्य स्वागत किया तथा उनकी लंबी आयु की कामना की। उनकी पत्नी भी दो दिनों पहले कोरोना को हराकर घर वापस लौटी थी। कोरोना के इस जंग में चिकित्सकों ने योद्धा के रूप में काम किया। अपने जान की बाजी लगाकर वे लोगों की जान बचाते रहे। इस दौरान कईयों ने कोरोना को मात दिया तो कईयों को कोरोना ने लील लिया। इस मामले में अस्पताल अधीक्षक सौभाग्यशाली रहे। चंद ही दिनों में कोरोना को मात देकर वे वापस घर लौट आए।
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मालूम हो इसके पहले हिलसा के एसडीओ विवेक रंजन मैत्रेय भी कोरोना को मात देकर घर वापस लौट आए। इनके कोरोना संक्रमण की खबर से पूरे अनुमंडलय कार्यालय में भय व्याप्त था। लोग इस बात से डरे-सहमे थे कि कहीं उन्हें भी कोरोना न जकड़ ले। इस दौरान कई कर्मियों का कोरोना जांच कराया गया था लेकिन उपाधीक्षक को छोड़ किसी भी व्यक्ति का कोरोना पॉजेटिव नहीं निकला। इस संबंध में उपाधीक्षक ने कहा कि मैं कोरोना से संक्रमित भी हूं। यह कभी अहसास नहीं हुआ। लेकिन जांच के दौरान जब कोरोना वायरस पॉजिटिव निकला तो मैं दंग रह गया। न कभी बुखार आया, न जुकाम और न ही सिर दर्द । बावजूद कोरोना संक्रमित होना इस बात को दर्शाता है कि कोरोना संक्रमण के कई रूप हैं। उन्होंने कहा कि भगवान का शुक्र रहा कि वे कोरोना को हराने में सफल रहे।