अतिक्रमण हटाने के लिए एक तरफ अनशन तो दूसरी तरफ पईन में निर्माण
बिहारशरीफ। हर दिन हो रहे जल स्त्रोतों का अतिक्रमण और उस पर शासन की मौन सहमति से नाराज संतोष राम उर्फ बजरंगी का आमरण अनशन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।
बिहारशरीफ। हर दिन हो रहे जल स्त्रोतों का अतिक्रमण और उस पर शासन की मौन सहमति से नाराज संतोष राम उर्फ बजरंगी का आमरण अनशन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। वे अंचल कार्यालय के सामने सोमवार से अनशन पर हैं। मंगलवार को भी अतिक्रमण हटाने के लिए शासन की तरफ से कोई पहल नहीं हुई।
चंडी में जल स्त्रोतों पर कब्जा जमाने की होड़ मची है। स्थिति को देख कर लग रहा है कि यहां नदी, आहर, पईन आदि के अतिक्रमण में शासन की मौन सहमति है। उदाहरण देखिए। एक तरफ अतिक्रमण के विरोध में अनशन जारी है तो दूसरी तरफ चंडी पावर सब-स्टेशन से पश्चिम चालीसकुर्बा खंधा के सिचाई पईन में उत्सव हॉल का निर्माण जारी है। दैनिक जागरण में इसकी खबर तस्वीर के साथ छपने के बाद किसानों का ध्यान इस तरफ गया था।
.............
दीवार तोड़ने का सीओ ने दिया था भरोसा, हो रहा उल्टा
..............
होली के पहले सीओ और थानाध्यक्ष ने स्थल पर आकर निर्माण कार्य रोकवाया था और किसानों को भरोसा दिलाया था कि पईन में लगी दीवारें तोड़वा दी जाएंगी। लेकिन यहां सब उल्टा हो रहा है। दीवारें तोड़े जाने की जगह उसमें ईंटे जोड़े जा रहे हैं। अधिकारियों द्वारा रोके जाने के 10 दिन बाद ही पईन में फिर से निर्माण शुरू है। पईन को पूरी तरह पक्की दीवार से बंद कर दिया गया है। उसके तल की कंक्रीट से ढलाई कर पानी रिचार्ज को बाधित कर दिया गया है। ऐसे में शासन के रवैये पर सवाल खड़ा होना स्वाभाविक है। चालीसकुर्बा खंधा में जिन किसानों के खेत हैं, उनके पटवन बाधित होता दिख रहे हैं।