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गुरुनानक के दरबार में दशमेश गुरु का 354 वां प्रकाश उत्सव की धूम

बिहारशरीफ। सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविद सिंह के 354वां प्रकाश उत्सव सह जन्मशताब्दी पर राजगीर गुरुनानक देव शीतल कुंड परिसर बुधवार को गुरूमय नजर आया। बुधवार को तीन दिवसीय आयोजन का समापन हो गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 11:58 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 11:58 PM (IST)
गुरुनानक के दरबार में दशमेश गुरु का 354 वां प्रकाश उत्सव की धूम

बिहारशरीफ। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविद सिंह के 354वां प्रकाश उत्सव सह जन्मशताब्दी पर राजगीर गुरुनानक देव शीतल कुंड परिसर बुधवार को गुरूमय नजर आया। बुधवार को तीन दिवसीय आयोजन का समापन हो गया। इस दौरान यहां के शीतल जल कुंड का पवित्र जल स्पर्श के लिए होड़ मची रही। दशमेश गुरु जी के इस प्रकाश उत्सव का आयोजन तख्त हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा पटना साहिब के नियंत्रण में हो रहा है।

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तीन दिन लगार तीन बार चखे लंगर

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इस तीन दिवसीय प्रकाश पर्व के आयोजन के प्रभारी और मुख्य सेवादार सरदार हरजीत सिंह ने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रकाशोत्सव में प्रत्येक दिन तीन बार सुबह दोपहर और रात्रि का लंगर छका जा रहा है. जिसमें प्रत्येक दिन 7 से 10 हजार लोग लंगर छक रहे हैं। तख्त हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा में आए हुए सारे श्रद्धालुओं के साथ देश-विदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आए हुए है. उनके रहने सहने की व्यवस्था की गई है।यहां के लंगर का आयोजन बाबा कश्मीर सिंह भूरीवाले अमृतसर के द्वारा किया जा रहा है.

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हिन्दु-मुस्लिम के बीच सेतु है सिख धर्म : मंजीत

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गुरू नानक देव शीतल कुंड के ग्रंथी मंजीत सिंह ने बताया कि गुरुनानक देव मानवता के कल्याणक गुरू थे। जिनके आदर्शों व संदेशों का अनुसरण पूरा विश्व समुदाय कर रहा है। उन्होने बताया कि सिख वो धर्म है, जो हिदू व मुस्लिम के बीच सेतु का काम कर रहा है। सिख धर्म मैत्री व इंसानियत का रास्ता बताता है। इस तीन दिवसीय प्रकाश पर्व में गुरु गोविद सिंह को याद किया गया। जयंती में तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब एवं जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर द्वारा पूजा पाठ की गयी और अखंड पाठ हुआ। इसमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी, उज्जैन सहित विभिन्न जगहों से सैकड़ों श्रद्धालु भाग लिए।

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खौलता पानी गुरू के स्पर्श से हुआ था शीतल

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श्री मंजीत सिंह ने कहा कि इसी गुरुनानक शीतल कुंड में गुरुनानक देव जी का पंजा स्थान है। गुरुनानक देव जी ने इसी कुंड के खौलते पानी को जब अपना चरण स्पर्श किया था तो यह चरणामृत बन गया था। उन्होंने कहा कि गुरूनानक देव जी ने सबों से प्रेम करना ही सिखाया था। इस मौके पर श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के महेन्द्र पाल सिंह ढिल्लन, गुरूनानक मिशनरी के सचिव त्रिलोक सिंह, ग्रंथी मंजीत सिंह, छोटू, सुखविदर सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

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आज सीएम आएंगे राजगीर गुरूद्वारा

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ग्रंथी मंजीत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को राजगीर गुरूद्वारा आयेंगे। इसके लिए तैयारी की जा रही है। बुधवार की शाम को डीएम योगेन्द्र सिंह ने गुरूद्वारा का निरीक्षण किया और चल रहे समारोह में शामिल हुए।

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चार साल पहले आए श्रद्धालु दोबारा आए

इस प्रकाश पर्व की सबसे खास बात यह रही की विगत 4 वर्ष पूर्व दशमेश गुरु जी के 350 वें प्रकाश उत्सव में आए बाहर के श्रद्धालु भी राजगीर पुन: पधारे हुए थे। जयपुर से आए श्रद्धालु मंजीत सिंह जी ने बताया कि राजगीर दशमेश गुरुजी के विरासत से जुड़ा हुआ है। इस कारण वह बार-बार यहां आना पसंद करेंगे।


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