शराबबंदी का असर, कम हुई अपराध व दुर्घटनाएं
नालंदा। शराबबंदी पर पूरे राज्य में बहस छिड़ी है। कोई शराबबंदी के समर्थन में खड़ा है तो
नालंदा। शराबबंदी पर पूरे राज्य में बहस छिड़ी है। कोई शराबबंदी के समर्थन में खड़ा है तो कोई सरकार को इसपर सरकार को कोस रहा है। हालांकि पटना उच्च न्यायालय ने सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए संशोधित उत्पाद अधिनियम को निरस्त कर दिया। न्यायालय के इस फैसले से शराब प्रेमियों के बीच खुशी की लहर उमड़ पड़ी थी। लेकिन सच पूछा जाए तो शराबबंदी राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जनहित में जारी किया गया एक महत्वपूर्ण कार्य है। आंकड़ों पर एक नजर डालें तो शराब बंदी के पूर्व के वर्ष 2015 के अप्रैल महीने से अगस्त तक में हुए सड़क दुर्घटना तथा गंभीर अपराध में वृद्धि चरम पर थी। लेकिन शराबबंदी की घोषणा के बाद जिलें में गंभीर अपराध तथा सड़क दुर्घटना में भारी कमी आई है। शराब बंदी की घोषणा के बाद अप्रैल 2016 से अगस्त तक में हुए गंभीर अपराध व सड़क दुर्घटना का रिकॉर्ड स्पष्ट करती है कि शराबबंदी के बाद अपराध व सड़क दुर्घटना में भारी कमी आई है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक अप्रैल 2015 से अगस्त तक पांच महीने में जिले में 3465 छोटे-बड़े अपराध दर्ज हुए थे। वहीं 217 वाहन दुर्घटना भी इस दौरान हुए थे, लेकिन शराबबंदी के बाद अप्रैल से अगस्त 2016 के पांच महीने का आंकड़ा देखा जाए तो छोटे-बड़े अपराध 2718 तथा मात्र 152 वाहनों की दुर्घटना की प्राथमिकी दर्ज हुई है। इसका प्रतिशत निकाला जाए तो अपराध में 21.55 तथा वाहन दुर्घटना में 29.95 फीसदी की कमी आई है। इस आंकड़े के बाद ऐसा लगता है कि शराब बंदी के बाद जिले में खुशहाली का वातावरण छाया है। इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि शराबबंदी के बाद अपराध व सड़क दुर्घटना में कमी की सूचना उन्हें भी मिली है। इससे वे काफी खुश हैं कि जिले में अपराध व दुर्घटना में कमी हो रही है।