अक्षर आंचल योजना को ले किया गया जागरूक
नालंदा। नगरनौसा प्रखंड की काछियावां पंचायत के अकैड़ गांव में रविवार को दलित, अल्पसंख्यक महादलित एवं अ
नालंदा। नगरनौसा प्रखंड की काछियावां पंचायत के अकैड़ गांव में रविवार को दलित, अल्पसंख्यक महादलित एवं अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना अंतर्गत विशेष कार्यक्रम कोई बच्चा पीछे नहीं, माता-पिता छूटे नहीं के सफल संचालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रैली का आयोजन किया गया। इस रैली को ग्राम पंचायत राज काछियावां के सरपंच खुशबू देवी ने हरी झंडी दिखा रवाना किया। जिसमें गांव के बच्चों, महिला-पुरुष एवं जनप्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। नालंदा जिला साक्षरता भारत के केआरपी प्रेम प्रकाश ने कहा कि इस कार्यक्रम में कमजोर बच्चों को दिनांक 15 फरवरी से लेकर 1 मार्च तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत कक्षा का संचालन किया जा रहा है जिसमें सर्व प्रथम बच्चों को प्रथम मूल्यांकन भाषा एवं गणित से किया जाएगा। उसी बच्चों को अंतिम मूल्यांकन भी भाषा एवं गणित से किया जाएगा जिससे इस कार्यक्रम का होने वाले फायदा सभी को ज्ञात होगा। साथ ही साथ ऐसे बच्चों के माताओं के साथ बैठक आयोजित कर माताओं को बच्चों के साथ बैठक कर कहानी सुनने को लेकर प्रेरित किया गया। प्रथम संस्था के बीआरपी नरेश कुमार, सियाराम कुमार, रौशन रवि, कुंदन कुमार ने बच्चों को नियमित पढ़ने के लिए विद्यालय भेजें ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकें इसके लिए माताओं को अपने बच्चा को भाषा एवं गणित के स्तर को बताया गया। साथ ही टैब के द्वारा बच्चों एवं उसके माता-पिता को शिक्षा से संबंधित कुछ वीडियो भी दिखाया गया। इस प्रोग्राम में जिला से आए दिनेश कुमार ¨सह एवं सरोज कुमार ने अनुश्रवण एवं अनुसमर्थन किया। प्रखंड साक्षरता भारत के कार्यक्रम समन्वयक प्रमिला कुमारी ने कहा कि असाक्षर माताओं को पढ़ना, लिखना, सुनना, बोलना क्यों जरूरी है इस पर विस्तृत रूप से लोगों को जानकारी दिए। साथ ही महिला को उत्प्रेरण (शोषण) से बचने के लिए साक्षर होना बहुत जरूरी है जिससे समाज को एक स्वच्छ एवं जागरूक लोग मिल सके। काछियावां पंचायत के वरीय प्रेरक चंद्रशेखर पासवान ने साक्षरता पर एक गीत गया जिससे कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए। साथ ही टोला सेवकों द्वारा नुक्कड़-नाटक भी प्रस्तुत किया गया जिसमें प्रभात कुमार, कमलेश, इन्द्रदेव, मिथिलेश मांझी, चन्द्रदेव मांझी सहित प्रखंड के लगभग सभी टोला सेवक मौजूद थे।