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नालंदा के स्वीप आइकॉन बनाए गए आशुतोष कुमार मानव

स्वच्छता, पर्यावरण एवं समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वाले हिलसा के युवा सामाजिक ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Jan 2019 08:50 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 08:50 PM (IST)
नालंदा के स्वीप आइकॉन बनाए गए आशुतोष कुमार मानव
नालंदा के स्वीप आइकॉन बनाए गए आशुतोष कुमार मानव

नशा, स्वच्छता, पर्यावरण एवं समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वाले हिलसा के युवा सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष कुमार मानव को निर्वाचन आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के निमित्त नालंदा जिला का स्वीप आइकॉन यानी ब्रांड अंबैसडर चुना है। निर्वाचन आयोग द्वारा उनके चयन से  हिलसावासियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से हिलसा का नाम देश-विदेश ने ऊंचा करने वाले  गुटखा छोड़ो आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक सह मानव समाज सेवा सभा के संस्थापक आशुतोष कुमार मानव को लोगों से बधाइयां मिलनी शुरू हो गयी है। बीते 29 दिसंबर को नालंदा के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम ने इस आशय का निर्देश पत्र जिले के सभी संबंधित अधिकारियों को जारी कर दिया है। जिसमें स्पष्ट कहा है कि बीते  24 दिसंबर 18 को  सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष कुमार मानव का 2019 के लोकसभा चुनाव के निमित्त जिला स्वीप आईकॉन के प्रस्ताव का अनुमोदन प्राप्त हो गया है। इसलिए ईवीएम, वीवी पैट मशीन व निर्वाचन से संबंधित चलाए जाने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता निश्चित रूप से सुनिश्चित कराई जाए। स्वीप आईकॉन चुने जाने पर युवा समाजसेवी आशुतोष कुमार मानव ने कहा कि  निर्वाचन आयोग द्वारा मिला दायित्व निभाने का पूरा  प्रयास करेंगे। आने वाले चुनाव में आमजन खासकर दिव्यांग, नि:शक्त एवं युवा वर्ग को शत प्रतिशत वो¨टग के लिए प्रेरित करना उनकी प्राथमिकता होगी। इस अभियान में वह जिले के दर्जनों अनुशासन, विनम्रता, इमानदारी, राष्ट्रभक्ति एवं त्याग को जीवन का मूलमंत्र समझने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं को जोड़ेंगे। श्री मानव का कहना है कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में अपने मताधिकार का प्रयोग करना नागरिक का सर्वोच्च कर्तव्य भी है। वोट की चोट ही देश में बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करती है। जिसमें लोगों की सक्रिय सहभागिता भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर एक वोट महत्वपूर्ण है। अधिकाधिक लोग अपने मत का निर्भीक होकर प्रयोग कर सके और मतदान का प्रतिशत बढ़े इसके लिए सामूहिक प्रयास की दरकार है। जिसमें जिलेवासियों को बढ़-चढ़कर आगे आना होगा। ईवीएम एवं वीवीपैट मशीन संबंधित जागरूकता कार्यक्रम में लोगों की  सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कराई जाएगी। जिले के उप निर्वाचन पदाधिकारी अर¨वद ऐलेन डीन ने बधाई देते हुए कहा कि समाजसेवी मानव जिले के युवाओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए रोल मॉडल हैं। इनके स्वीप आईकॉन बनाए जाने से निर्वाचन संबंधित कार्य में उल्लेखनीय सफलता मिलेगी। बधाई देने वालों में रामाधीन प्रसाद, मधुसूदन कुमार, युवा समाजसेवी शिक्षक अजीत कुमार ¨सह, प्रोफेसर कमल किशोर प्रसाद, सौरभ कुमार,  पवन कुमार, सत्येंद्र प्रसाद, अनुज कुमार, र¨वद्र कुमार, रजनीश रंजन, प्रवीण कुमार पार्थ, अनिल कुमार भारती, बिन्दु कुमार, कौशलेंद्र कुमार, अनिश कुमार, संजय, रामजी के अलावे  अन्य लोग शामिल है।

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अपने दम पर खड़ा किया स्वास्थ्य रक्षा का बड़ा आंदोलन

फोटो :: 27

जागरण सरोकार

(स्वस्थ्य समाज)  

- दो दशक से चला रहे गुटखा छोड़ो आंदोलन

- मानव के ही आंदोलन के कारण 2003 में गुटखा को नियंत्रित करने वाला पहला राज्य बना था बिहार 

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : स्वस्थ्य रहना हर कोई चाहता है। पर खान-पान की कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो गंभीर बीमारियों को जन्म दे देती है। ऐसे ही आदतों में से एक है तंबाकू-गुटखा सेवन की आदत। जो मुंह एवं गले के कैंसर का कारण बन रहा है और युवा मौत के मुंह में समा जा रहे हैं। इस बात से उद्वेलित हो जिले के हिलसा निवासी आशुतोष कुमार मानव ने दो दशक पहले तंबाकू जनित गुटखा के विरोध में आंदोलन खड़ा किया।न कोई एनजीओ बनाए, न सरकार से धन प्राप्त किए और न किसी व्यक्ति विशेष से आर्थिक सहायता ली। दो दशक से चल रहा उनके प्रयास का नतीजा रहा कि सरकार को तंबाकू-गुटखा को लेकर कई बड़े कदम उठाने पड़े। आंदोलन का ही नतीजा रहा कि वर्ष 2003 में गुटखा को नियंत्रित करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना। उस वर्ष अपने साथियों के साथ आशुतोष कुमार मानव पटना में आमरण अनशन पर बैठे थे। आशुतोष बताते हैं कि 30त्‍‌नमहिला एवं पुरुषों में मुंह व गले का कैंसर होता है। इसे सबम्यूकस कहा जाता है। इसके शिकार युवा वर्ग हो रहे हैं। जिसका सीधा-सीधा जिम्मेदार तंबाकू एवं इससे बने उत्पाद हैं। कहते हैं, अब किशोरों एवं बच्चों को दुकानदार तंबाकू या इससे बने उत्पाद नहीं बेच सकते। सरकार ने ऐसा कानून आंदोलन से प्रभावित होकर लाया है।

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स्वास्थ्य रक्षा के लिए बचपन में ही प्रेरित हुए

पत्र-पत्रिकाओं में मुंह के कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के बारे में पढ़ने के बाद इससे बचने के लिए प्रयास करने का मन बनाया। फिर आगे बढ़ते गए, लोग जुड़ते गए। आज नतीजा है कि तम्बाकू उत्पाद के पैक पर बड़े अक्षरों में इसके सावधानियां लिखी जाने लगी हैं। मुंह एवं गला कैंसर का बड़ा सा स्पष्ट चित्र भी छपकर आने लगा है, जिससे खासकर युवाओं में तंबाकू जनित उत्पादों के प्रति एक भय उत्पन्न होता है।

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दिल्ली के जंतर-मंतर पर 6 बार धरना व दिल्ली तक की साइकिल यात्रा                          

दिल्ली स्थित जंतर -मंतर पर 6 बार धरना एवं दिल्ली तक साइकिल यात्रा कर इन्होंने इस मुहिम की गूंज देश के कोने-कोने में पहुंचाई। रथ यात्रा निकाली। जिससे युवाओं में जागृति बढ़ी। आज भी आशुतोष युवाओं के बीच मुंह के कैंसर से बचने के लिए उन्हें जागरूक करने जा रहे हैं। उन्हें तंबाकू उत्पादों से दूर रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। युवाओं को इस आंदोलन का हिस्सा बना रहे हैं। उन्हें तम्बाकू-गुटखा न खाने का संकल्प दिला रहे हैं।इन गतिविधियों का सार्थक नतीजा मिला है कि इन्हें चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव जागरूकता को ब्रांड एम्बेसडर बनाया है।


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