राजगीर रेलवे स्टेशन पर मगही भाषा में उदघोषणा
यात्रीजन दया कर ध्यान देथिन राजगीरवा से नई दिल्ली जाय वाली श्रमजीवी ट्रेन एक्सप्रेसवा अपन समया आठ बजे खुल जयतय। तो अपन अपन सीटवा पर टिकटवा सहिते बैठ जईथिन। राजगीर रेलवे स्टेशन पर गुरुवार की सुबह रेलयात्रीगण उस समय अचंभित रह गए। जब मगही भाषा में ट्रेन परिचालन संबंधी यह उदघोषणा रोटेरियन सह होटल संघ के पूर्व अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद की आवाज में रेलया
संवाद सहयोगी, राजगीर : यात्रीजन दया कर ध्यान देथिन, राजगीरवा से नई दिल्ली जाय वाली श्रमजीवी ट्रेन एक्सप्रेसवा अपन समया आठ बजे खुल जयतय। तो अपन अपन सीटवा पर टिकटवा सहिते बैठ जईथिन।
राजगीर रेलवे स्टेशन पर गुरुवार की सुबह रेलयात्रीगण उस समय अचंभित रह गए। जब मगही भाषा में ट्रेन परिचालन संबंधी यह उदघोषणा रोटेरियन सह होटल संघ के पूर्व अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद की आवाज में रेलयात्रियों के कानों में गूंजी।
उन्होंने कहा कि राजगीर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन परिचालन संबंधी सूचना की उद्घोषणा का आरंभ मगही भाषा में कर लोगों को भाषाई तौर पर जोड़ा गया है। मगही भाषा का अतीत अत्यंत ही गौरवमय रहा है। मगध के इतिहास की तरह मगही भाषा अपने समय के थपेड़े खाते-खाते आगे बढ़ती रही है। इसे ही भगवान बुद्ध की प्रवचन-भाषा, बौद्ध साहित्य की भाषा, अशोक के शिलालेख की भाषा और बौद्ध सिद्धों की साहित्यिक भाषा बनने का गौरव मिला।
इस बाबत राजगीर रेलवे स्टेशन प्रबंधक मंतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि अब पश्चिम बंगाल के कोलकाता रेलवे स्टेशन पर बंगाली, महाराष्ट्र में महाराष्ट्रियन, उत्तरी बिहार में मैथिली भाषा में उद्घोषणा की जाती है। उसी तर्ज पर भी राजगीर रेलवे स्टेशन पर आवागमन करने वाली सभी ट्रेनों की सूचना सह उद्घोषणा मगही भाषा में किए जाने का निर्णय लिया गया है।