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लाकडाउन में प्रवासियों को पनाह देने के बाद अब पढ़ाई शुरू होने का इंतजार

बिहारशरीफ। नालंदा जिले के अस्थावां का राजकीय पालीटेक्निक कॉलेज 2015 में अस्तित्व में आया। 10 एकड़ में फैले इस कॉलेज के कैंपस में विद्यार्थियों के शिक्षा ग्रहण के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 11:39 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 11:39 PM (IST)
लाकडाउन में प्रवासियों को पनाह देने के बाद अब पढ़ाई शुरू होने का इंतजार

बिहारशरीफ। नालंदा जिले के अस्थावां का राजकीय पालीटेक्निक कॉलेज 2015 में अस्तित्व में आया। 10 एकड़ में फैले इस कॉलेज के कैंपस में विद्यार्थियों के शिक्षा ग्रहण के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां वाई-फाई से सुसज्जित डिजिटल लाइब्रेरी के साथ अत्याधुनिक कर्मशाला, अलग से परीक्षा कक्ष, सीसीटीवी से लैस प्रांगण, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल, स्टाफ रूम, कॉमन रूम, खेल मैदान के साथ हरियाली का भी ध्यान रखा गया है। कैंपस के बड़े हिस्से में लगे रंग-बिरंगे फूलों के साथ फलदार वृक्ष किसी का भी मन मोह लेते हैं। कोविड की पहली लहर में इस महाविद्यालय ने प्रवासियों को भी पनाह दी थी। यहां तक कि कोविड 19 से ग्रसित लोगों का भी ख्याल रखा था। स्थानीय लोग इस कॉलेज को अस्थावां का गौरव बताते हैं। बहरहाल, बीते डेढ़ साल से जारी वर्चुअल क्लासेज के बाद अब विद्यार्थियों को एक जुलाई से नियमित पढ़ाई शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है।

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बंदी में भी 257 विद्यार्थियों ने लिया दाखिला, ग‌र्ल्स हॉस्टल बनकर तैयार

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कॉलेज के प्रधानाचार्य आनंद कृष्ण ने बताया कि कालेज में चार ब्रांच सिविल इंजीनियरिग, मैकेनिकल इंजीनियरिग, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग की पढ़ाई हो रही है। एआईसीटीई नई दिल्ली द्वारा सभी ट्रेड में 60 सीट की मान्यता प्राप्त है। यहां सिस्को द्वारा कंप्यूटर प्रशिक्षण भी दिया जाता है। कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं जरूरतमंद विद्यार्थियों को स्टूडेंट क्रेडिट योजना का लाभ दिलाने में मदद की जाती है। अभी यहां 5 बैच चल रहे है। 10 नियमित और 5 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। इस साल कुल 257 छात्र-छात्राओं ने नामांकन लिया है। सभी क्लास अभी ऑनलाइन करवाई जा रही है। एक जुलाई से कॉलेज खुलेगा तो कोविड गाइडलाइन के अनुसार क्लास का संचालन होगा। अभी लड़कियों का हॉस्टल भवन निर्माण विभाग द्वारा सौंपा नहीं गया है। भवन पूरी तरह बन कर तैयार है।

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यहीं से हो रहा अरवल पालीटेक्निक कालेज का संचालन, 245 विद्यार्थियों का नामांकन

................. अरवल पॉलिटेक्निक कॉलेज का संचालन भी इसी महाविद्यालय के प्रांगण से किया जा रहा है। प्राचार्य ने बताया की मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना के अंतर्गत सभी जिले में पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने थे लेकिन अरवल में कॉलेज भवन निर्माण में देरी हो रही थी। इस कारण वर्ष 2019 से वहां का महाविद्यालय इसी प्रांगण में चल रहा है। अरवल महाविद्यालय में एक नियमित और 14 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। नियमित शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इस साल 245 छात्रों ने नामांकन करवाया है।


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