11 दिनों से जारी अधिवक्ताओं की हड़ताल खत्म, अब करेंगे नियमित कोर्ट कार्य
बिहारशरीफ। जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष सीताराम सिंह ने मंगलवार को संघ सदस्यों की आपात बैठक बुलाकर 11 दिनों से चल रही वकीलों की हड़ताल को समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिला जज डॉ. रमेशचन्द्र द्विवेद्वी के बुलावे पर वे अन्य सहयोगियों के साथ पहुंचे थे। उनसे सभी मुद्दों पर सद्भावनापूर्ण वातावरण में चर्चा की गई। जिससे संतुष्ट होकर हड़ताल खत्म करने का निर्णय किया गया। आज बुधवार से सभी अधिवक्ता नियमित कोर्ट कार्य करेंगे।
बिहारशरीफ। जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष सीताराम सिंह ने मंगलवार को संघ सदस्यों की आपात बैठक बुलाकर 11 दिनों से चल रही वकीलों की हड़ताल को समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिला जज डॉ. रमेशचन्द्र द्विवेद्वी के बुलावे पर वे अन्य सहयोगियों के साथ पहुंचे थे। उनसे सभी मुद्दों पर सद्भावनापूर्ण वातावरण में चर्चा की गई। जिससे संतुष्ट होकर हड़ताल खत्म करने का निर्णय किया गया। आज बुधवार से सभी अधिवक्ता नियमित कोर्ट कार्य करेंगे। संघ सचिव कमलेश कुमार ने बताया कि अध्यक्ष सीताराम सिंह, कार्यकारिणी सदस्य संजय आचार्य, विनोद कुमार, उमेश निराला, वरीय अधिवक्ता कामेश प्रसाद तथा अन्य की उपस्थिति में जिला जज से वार्ता हुई। जिसमें बेंच ओर बार के बीच उत्पन्न हुईं गलतफहमियां और भ्रांतियां दूर की गईं। बता दें कि विवाद की जड़ वकीलों की गाड़ियों के प्रवेश पर कोर्ट परिसर में प्रवेश पर रोक थी। 9 अप्रैल को हाईकोर्ट के गाइड लाइन के पालन को लेकर निर्धारित समय के बाद गाड़ियों का प्रवेश रोक दिया गया था। जिससे अधिवक्ताओं ने रोष में आकर हड़ताल की घोषणा कर दी थी।
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सभी वकीलों की गाड़ियों को सुबह 7.30 बजे तक मिलेगा प्रवेश
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आज से सभी वकीलों की गाड़ियों को कोर्ट परिसर में साढ़े सात बजे सुबह तक प्रवेश की अनुमति होगी जबकि सार्वजनिक गाड़ियों का प्रवेश निषेध रहेगा। महामारी के मद्देनजर हाईकोर्ट के गाइडलाइन का पालन करने पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई। जिला जज ने कहा कि वे वरीय व कनीय सभी अधिवक्ताओं के प्रति समान ²ष्टिकोण रखते हैं तथा दुर्भावना से ग्रसित होकर कार्य करने की उनकी कोई मंशा नहीं है। बार और बेंच का मधुर संबंध ही न्यायिक हित का केन्द्र और आकर्षण है। परस्पर सहयोग से उसे किसी भी हाल में टूटने नहीं देंगे। फिर यह संघ तो सहयोग के लिए जाना जाता है। न्यायिक लाभ की आशा से आने वाले लोगों के लिए यह आवश्यक है। अभी तो महामारी है परन्तु स्थिति सामान्य होने पर वे बार परिसर में आएंगे। ताकि इस संबंध को अटूट बनाया जा सके।