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सड़क के बीच में बना गढ्डा मौत को दे रहा आमंत्रण

बिहारशरीफ। अनुमंडलीय अस्पताल व मेन मार्केट से थाना तथा कुंड रोड को जाने वाली सड़क मार्ग के बीचों-बीच भू स्खलन से एक बड़ा गढ्डा बन गया है जो संभावित सड़क दुर्घटना के साथ मौत के खतरे को आमंत्रण दे रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 06:33 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 05:13 AM (IST)
सड़क के बीच में बना गढ्डा मौत को दे रहा आमंत्रण
सड़क के बीच में बना गढ्डा मौत को दे रहा आमंत्रण

बिहारशरीफ। अनुमंडलीय अस्पताल व मेन मार्केट से थाना तथा कुंड रोड को जाने वाली सड़क मार्ग के बीचों-बीच भू स्खलन से एक बड़ा गढ्डा बन गया है जो संभावित सड़क दुर्घटना के साथ मौत के खतरे को आमंत्रण दे रहा है। यह खड्डा लगभग 11 फीट का है। जबकि इस बने खड्डे के भीतर भी एक 10 फीट का सुरंगनुमा होल बन गया है। कभी भी आवागमन करते वाहनों के दबाव से धंस सकता है, जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इस खतरे को भांपते हुए स्थानीय लोगों ने इस खड्डे के दोनों किनारों पर लाल झंडा गाड़ दिया है। इसके चारों ओर थर्मोकोल आदि वस्तुओं से घेरा बना दिया है। ताकि आवागमन करते लोगों को दूर से ही इस खड्डे के होने की जानकारी मिल जाए और इससे किसी भी संभावित दुर्घटना के खतरे को रोका जा सके। 

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लोगों की मानें तो यह गढ्डा चार दिन पहले बना है। यह बिल्कुल सेवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के दौरान बिछाए गए पाइन लाइन के ठीक उपर है। जो पिछले दिनों लगातार भारी बारिश के कारण हुए भू स्खलन से बन गया है। लोगों ने आशंका जताई है कि शायद पाइन लाइन बिछाने के बाद सड़क निर्माण के दौरान बारिकी से भराई नहीं कराने पर यह समस्या उत्पन्न हुई है।

बता दें कि 2009 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजगीर प्रवास के दौरान उनकी अध्यक्षता में विश्व शांति स्तूप के परिसर में बिहार की कैबिनेट की हुई बैठक में सर्वसम्मति से सेवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के मास्टर प्लान सह परियोजना पर लगभग 98 करोड़ की मंजूरी के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इस परियोजना के निर्माण का जिम्मा आंध्र प्रदेश की कंपनी क्रुसी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्रा.लि. कंपनी को दिया गया था, जिसने 2013-15 के सत्र मे युद्ध स्तर पर इस परियोजना के निर्माण प्रक्रिया में अगले 30 साल की आबादी को ध्यान में रखकर किया। इस परियोजना में शहर भर के मुख्य सड़कों और विभिन्न गली-मोहल्लों को जोड़कर कुल 43 किलोमीटर के पाइन लाइन का जाल बिछाया गया।

लोगों के मुताबिक, इसमें लापरवाही बरती गई है, जिसके बाद अब विभिन्न प्रकार की समस्याएं सामने आ रही हैं। लोगों की यह भी शिकायतें हैं कि गली मोहल्ले में पाइन लाइन बिछाने के क्रम में पुराने नालियों का ख्याल नहीं रखा गया और इस दौरान पुरानी नालियां क्षतिग्रस्त हो गई। निर्माण कंपनी ने सिवरेज के बिछाए गए पाइन के बगल से क्षतिपूर्ति के रूप में नाली को जैसे तैसे वैकल्पिक तौर पर बना दिया गया। मगर उसी नालियों के जाम होने तथा उससे ओवर फ्लो होने से मल मूत्र के बदबूदार गंदे पानी के बहाव की समस्या ने लोगों को परेशानी को बढ़ा दिया है। मजे की बात यह है कि इस सड़क से दिन भर विभिन्न विभाग के अधिकारियों और पदाधिकारियों के वाहनों का आवागमन जारी रहता है। मगर यह समस्या इनके नजर में अभी तक ²ष्टिगत नहीं है। जिससे इसके निराकरण पर ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है।

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बोले अधिकारी

पथ प्रमंडल हिलसा सह पथ अवर प्रमंडल राजगीर के सहायक अभियंता कमल किशोर ने बताया कि निरीक्षण कर अविलंब समस्या का निदान किया जाएगा। कनीय अभियंता के साथ टीम को भेजकर क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत कराई जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि लोक स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिछाए जा रहे नल जल योजना के पाइन लाइन को लेकर सड़क के दोनों किनारों पर गढ्डे किए जा रहे हैं। जिसमें सड़क के दोनों किनारे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने बताया कि संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र के माध्यम से सड़क की हो रहे क्षति की ओर ध्यान भी आकृष्ट कराया है। वहीं संवेदकों द्वारा जैसे तैसे काम कराया जा रहा है उसकी भी जांच कराई जाएगी।


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