Move to Jagran APP

Paschim Champaran : ज‍िंकयुक्त धान बीज किसानों के लिए फायदेमंद, नए प्रभेद का प्रयोग शुरू, बढ़ेगा उत्पादन

पांच प्रखंडों में ज‍िंक युक्त धान के नए प्रभेद का प्रयोग शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत उन्नत बीजों पर कार्यरत अंतरराष्ट्रीय संगठन हार्वेस्ट प्लस की ओर से विकसित धान के विशेष प्रभेद डीडीआर-49 का निशुल्क वितरण किया जा रहा है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 05:36 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 05:36 PM (IST)
Paschim Champaran : ज‍िंकयुक्त धान बीज किसानों के लिए फायदेमंद, नए प्रभेद का प्रयोग शुरू, बढ़ेगा उत्पादन
पश्‍च‍िम चंपारण में पांच प्रखंडों में ज‍िंक युक्त धान के नए प्रभेद का प्रयोग शुरू। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पश्चिम चपांरण, जासं। ग्रामीण समुदाय में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए हार्वेस्ट प्लस के सहयोग से समूह शिक्षण एवं विकास संस्थान के द्वारा पश्चिम चंपारण जिले के पांच प्रखंडों में ज‍िंक युक्त धान के नए प्रभेद का प्रयोग शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत उन्नत बीजों पर कार्यरत अंतरराष्ट्रीय संगठन हार्वेस्ट प्लस की ओर से विकसित धान के विशेष प्रभेद डीडीआर-49 का निशुल्क वितरण किया जा रहा है। इसमें स्थानीय संस्था समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान किसानों की सहायता कर रही है। इस खरीफ सीजन में नौतन, बैरिया, योगापट्टी, मझौलिया और बगहा 1 के 28 किसानों को प्रयोग के तौर पर यह बीज उपलब्ध कराया गया है। इससे पहले की रबी सीजन में ङ्क्षजक युक्त गेहूं बीएचयू 26 और बीएचयू 31 का 4 टन बीज 322 किसान भाई बहनों को निशुल्क मुहैया कराया गया था। इसकी पैदावार लगभग 2.1 टन प्रति एकड़ हुई थी। सफलता से किसानों के बीच इसकी स्वीकार्यता बढ़ी है।

loksabha election banner

बोले किसान

मझौलिया के प्रगतिशील किसान सुशील जायसवाल ने बताया कि वर्तमान समय में शरीर में पोषक तत्वों की कमी एक गंभीर विषय है। संतुलित भोजन के अभाव में कई तरह की बीमारियां शरीर में घर बना लेती हैं। इससे कई तरह के असाध्य रोग भी उभरते हैं। हार्वेस्ट प्लस द्वारा दिया गया बीज हमने पिछले सीजन में लगाया था और इसकी उपज अच्छी खासी हुई थी। यह खाने में भी स्वादिष्ट है। इस सीजन में भी वे धान के बीज का ट्रायल कर रहा है। उम्मीद है या अभी सफल होगा।

--नौतन के राघव शरण जी बताते हैं कि यह हाइब्रिड नही है। जिससे इसे किसान भाई 2 से 3 सीजन तक बीज के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही इसके सेवन से परिवार की महिला, बच्चे व बुजुर्गों में भी ङ्क्षजक की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

विशेषज्ञ की राय

हार्वेस्ट प्लस के तकनीकी विशेषज्ञ टीएन पांडेय ने बताया कि विगत तीन वर्षों से ङ्क्ष•ाकयुक्त गेहूं का बीज चंपारण के सैकड़ों किसानों को नि:शुल्क वितरित किया गया। इसकी पैदावार व गुणवत्ता से किसान प्रभावित हैं। इसी कड़ी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए ङ्क्ष•ाकयुक्त धान के बीज कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लाएगी। इसे विकसित कर किसानों को ट्रायल के तौर पर लगाने के लिए वितरित किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.