युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा लीची अनुसंधान केंद्र, रोजगार का प्रशस्त कर रहा मार्ग
युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के साथ रोजगार का भी सृजन। लीची की उन्नत खेती व प्रॉसेसिंग की युवाओं को दी जाएगी ट्रेनिंग। तेजपुर में लीची कलस्टर विकसित हो रहा।
मुजफ्फरपुर, [उमाशंकर]। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के साथ रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा। युवाओं को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ट्रेनिंग देने की तैयारी है। स्किल इंडिया के माध्यम से लीची की उन्नत खेती और प्रॉसेसिंग की ट्रेनिंग देकर युवाओं को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। ट्रेनिंग पूरी करनेवाले को रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा। क्षेत्र का विस्तार होगा तो नए लोगों की जरूरत भी पड़ेगी।असम में बन रहा लीची कलस्टर
असम के तेजपुर में 200 हेक्टेयर क्षेत्र में लीची कलस्टर बन रहा। तकनीकी सहयोग राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुशहरी करेगा। नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड 30 साल से कम आयु वर्ग के 200 किसानों वाले यंग ब्रिगेड की फौज मुशहरी यहां भेजेगा। इन किसानों को तकनीकी तौर पर ट्रेनिंग के बाद प्रदर्शन (डेमांस्ट्रेशन) होगा।
11 जगहों पर लीची पर शोध कार्य प्रारंभ
लीची अब मुजफ्फरपुर से निकलकर देश के अन्य हिस्सों में तेजी से फैल रही। तेजपुर में लीची कलस्टर विकसित हो रहा। मध्यप्रदेश के बैतूल में भी एक हजार एकड़ के लिए लीची के पौधे भेजे जाने की तैयारी है। दक्षिण भारत में तीन ट्रक पौधे भेजे गए थे नगालैंड, हिमाचल प्रदेश में मुजफ्फरपुर की लीची का विस्तार हो रहा।
बेल, आंवला व अदरक के जूस की ब्रांडिंग
लीची अनुसंधान केंद्र से लीची व अमरूद के बाद अब आंवला, बेल व अदरक का जूस बनाने की तैयारी है। सेल काउंटर बनकर तैयार हो गया है। बेल में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। अदरक में खून को पतला करने का गुण होता है। ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी में तुरंत लाभकारी होता है। आंवला हर रूप में फायदेमंद है।