विवाहिता को भगाकर की शादी, बदले की आग में जलते पहले पति ने जिंदा जला डाला
घटना सहियारा थाने के ओरलहिया गांव की। विवाहिता से कर लिया था प्रेम विवाह, पुलिस ने अधजले शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा!
By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 09:06 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 11:40 AM (IST)
सीतामढ़ी [जेएनएन]। जिले के सहियारा थाना क्षेत्र के ओरलहिया गांव में रविवार को प्रेम प्रसंग में दबंगों ने हैवानियत की हदें पार कर एक युवक श्रवण कुमार महतो को पहले लाठी-उंडों से जमकर पीटा, फिर जिंदा जला डाला। घटना के बाद सभी आरोपित फरार हो गए।
जानकारी के अनुसार श्रवण की शादी चार साल पूर्व रीगा थाने के रमनगरा में हुई थी, जिससे उसे दो बेटियां हैं। वह ट्रक चालक है। शादीशुदा होने के बावजूद वह गांव के ही मिश्रीलाल महतो की पत्नी दुखिया देवी से प्रेम करने लगा। कुछ समय बाद श्रवण अपनी प्रेमिका दुखिया के साथ दिल्ली भाग गया। इधर, श्रवण की पहली पत्नी मायका चली गई। जबकि, मिश्रीलाल महतो ने श्रवण के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया।
दिल्ली से लौटने के बाद पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में दिए गए बयान में दुखिया देवी ने श्रवण के साथ रहने की इच्छा जताई, वहीं अपहरण की घटना से इनकार कर दिया। कोर्ट के आदेश पर श्रवण और दुखिया देवी पति-पत्नी की तरह रहने लगे। मिश्रीलाल महतो को यह नागवार गुजर रहा था। शनिवार को मिश्रीलाल अपने पिता और अन्य लोगों के साथ श्रवण के घर पहुंचा। उसकी अनुपस्थिति में दुखिया के साथ गाली-गलौज की, फिर उसे उठाकर अपने घर ले गया। इसके बाद मिश्रीलाल महतो के घर पहुंचे श्रवण ने ग्रामीणों के सहयोग से पत्नी को मुक्त करा लिया। हालांकि, उन लोगों ने उसका मोबाइल नहीं दिया। उन्होंने मोबाइल के लिए रविवार को आने के लिए कहा।
रविवार सुबह श्रवण मोबाइल लेने जब मिश्री लाल महतो के घर गया तो आरोपितों ने पहले लाठी डंडे और धारदार हथियार से उसकी बेरहमी से पिटाई की। फिर, अधमरे अवस्था में गांव से सटे सरेह में ले जाकर जिंदा जला दिया।
थानाध्यक्ष संजीव कुमार और अवर निरीक्षक केके सिंह ने ओरलहिया गांव स्थित सरेह से अधजले शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। घटना की बाबत मृतक के बड़े भाई दुर्योधन महतो के बयान पर सहियारा थाने में गांव के ही राम हृदय महतो, उसके पुत्र मिश्रीलाल महतो, मुकेश महतो व लाल बाबू महतो समेत 15 लोगों को नामजद किया गया है।
जानकारी के अनुसार श्रवण की शादी चार साल पूर्व रीगा थाने के रमनगरा में हुई थी, जिससे उसे दो बेटियां हैं। वह ट्रक चालक है। शादीशुदा होने के बावजूद वह गांव के ही मिश्रीलाल महतो की पत्नी दुखिया देवी से प्रेम करने लगा। कुछ समय बाद श्रवण अपनी प्रेमिका दुखिया के साथ दिल्ली भाग गया। इधर, श्रवण की पहली पत्नी मायका चली गई। जबकि, मिश्रीलाल महतो ने श्रवण के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया।
दिल्ली से लौटने के बाद पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में दिए गए बयान में दुखिया देवी ने श्रवण के साथ रहने की इच्छा जताई, वहीं अपहरण की घटना से इनकार कर दिया। कोर्ट के आदेश पर श्रवण और दुखिया देवी पति-पत्नी की तरह रहने लगे। मिश्रीलाल महतो को यह नागवार गुजर रहा था। शनिवार को मिश्रीलाल अपने पिता और अन्य लोगों के साथ श्रवण के घर पहुंचा। उसकी अनुपस्थिति में दुखिया के साथ गाली-गलौज की, फिर उसे उठाकर अपने घर ले गया। इसके बाद मिश्रीलाल महतो के घर पहुंचे श्रवण ने ग्रामीणों के सहयोग से पत्नी को मुक्त करा लिया। हालांकि, उन लोगों ने उसका मोबाइल नहीं दिया। उन्होंने मोबाइल के लिए रविवार को आने के लिए कहा।
रविवार सुबह श्रवण मोबाइल लेने जब मिश्री लाल महतो के घर गया तो आरोपितों ने पहले लाठी डंडे और धारदार हथियार से उसकी बेरहमी से पिटाई की। फिर, अधमरे अवस्था में गांव से सटे सरेह में ले जाकर जिंदा जला दिया।
थानाध्यक्ष संजीव कुमार और अवर निरीक्षक केके सिंह ने ओरलहिया गांव स्थित सरेह से अधजले शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। घटना की बाबत मृतक के बड़े भाई दुर्योधन महतो के बयान पर सहियारा थाने में गांव के ही राम हृदय महतो, उसके पुत्र मिश्रीलाल महतो, मुकेश महतो व लाल बाबू महतो समेत 15 लोगों को नामजद किया गया है।
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