Move to Jagran APP

world Food Day 2020: जानिए किस स्तर पर चूक की वजह से हर साल 50 करोड़ का अनाज हो जाता बर्बाद

world Food Day 2020 अनाज की बर्बादी रोकने के लिए जनता को किया जाता सजग चल रहा अभियान। अच्छा जीवन जीने व बीमारी के खतरे को कम करने के लिए स्वस्थ आहार जरूरी। देश में आधुनिक भंडारण का अभाव है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 11:30 AM (IST)
world Food Day 2020: जानिए किस स्तर पर चूक की वजह से हर साल 50 करोड़ का अनाज हो जाता बर्बाद
16 अक्टूबर 1981 को विश्व खाद्य दिवस मनाने की शुरुआत की।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। world Food Day 2020: भारत में हर साल गोदामों में 50 करोड़ रुपये का 10 लाख मीट्रिक टन अनाज नष्ट हो जाता है। यह अनाज हर साल एक करोड़ लोगो की भूख मिटा सकता हैं। देश में आधुनिक भंडारण का अभाव है। इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है।

loksabha election banner

खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुदामा चौधरी ने बताया कि हर साल 16 अक्टूबर को भूख से पीडि़त लोगों के लिए जागरूकता फैलाने, खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार की आवश्यकता सुनिश्चित करने के लिए विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। जगह-जगह विभिन्न संस्थाओं की ओर से लोगों को जागरूक किया जाता है। अमानक खाद्य पदार्थ बाजार में न बिके, इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस साल भी अभियान चलाया जा रहा।

विश्व खाद्य दिवस 2020 की थीम

कोरोना के प्रभाव ने दुनिया भर के देशों को प्रभावित किया है। वैश्विक एकजुटता के लिए कमजोर लोगों को स्वस्थ बनाने और खाद्य प्रणालियों को उनके लिए अधिक टिकाऊ बनाने में मदद करने पर काम होगा। जानकारों की मानें तो खाद्य और कृषि संगठन के सदस्य देशों ने नवंबर 1979 में 20वें महासम्मेलन में विश्व खाद्य दिवस की स्थापना की। 16 अक्टूबर 1981 को विश्व खाद्य दिवस मनाने की शुरुआत की।

सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि स्वस्थ आहार अच्छा जीवन जीने और बीमारी के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है। अगर आप स्वस्थ आहार खाते हैं तो पोषक तत्व आपके शरीर में पहुंचेंगे और आप स्वस्थ, सक्रिय और मजबूत बने रहेंगे। कुपोषण से बचाव के लिए बच्चों को आंगनबाड़ी सेंटर पर आहार की व्यवस्था है। आम लोगों को मिलावटी खाद्य पदार्थ नहीं मिले, इसके लिए जांच अभियान चलता रहता है।

जिले में कृषि योग्य जमीन का हाल

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामप्रकाश सहनी ने बताया कि ङ्क्षसचित भूमि बचाने के साथ अनाज के सही प्रबंधन के लिए लगातार अभियान चल रहा है। पैक्स के माध्यम से किसानों को मदद की जाती है। कोशिश यह रहती है कि उनका उत्पादन बर्बाद न हो।

इस प्रकार की इतनी जमीन

मुजफ्फरपुर जिले का भौगौलिक क्षेत्रफल 317591.00 हेक्टेयर

कृषि योग्य भूमि 247721.00 हेक्टेयर

गैर कृषि योग्य भूमि 95270.00 हेक्टेयर

बंजर भूमि 344.00 हेक्टेयर

क्षारीय भूमि 5230.00 हेक्टेयर

सिंचित क्षेत्र 89964.00 हेक्टेयर

उद्यानिक भूमि 23877.00 हेक्टेयर

असिंचित भूमि 129999.00 हेक्टेयर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.