हरी-भरी धरा से ही सुरक्षित होगी जिंदगी
जासं मुजफ्फरपुर जल-जीवन-हरियाली धरती का श्रृंगार हैं।
जासं, मुजफ्फरपुर : जल-जीवन-हरियाली धरती का श्रृंगार हैं। धरती पर रहने वाले हर प्राणी के लिए यह आवश्यक है। चाहे व इंसान हो या अन्य जीव-जंतु। आधुनिकता की दौड़ में पेड़-पौधों की कटाई, जलाशयों का खत्म होना प्रदूषण को तेजी से बढ़ा रहा है। इसकी मार ने धरती को बेजार कर दिया है। पर्यावरण संरक्षण की चिंता सबकी जिम्मेदारी है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तब ही हम और हमारी आने वाली पीढ़ी भी सुरक्षित होगी। पौधे लगाकर हम प्रदूषण के स्तर को कम कर सकते हैं। समय रहते बचाव नहीं किया गया तो आने वाले समय में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जल, हवा, स्वच्छता, हरियाली, भोजन, जीव-जंतु, बिजली बचाने के उपायों को हमें जीवन में शामिल करने होंगे। पौधारोपण के साथ ही इसको लेकर जागरूकता अहम है। बच्चों को भी इसके लिए जागरूक करना होगा। हर व्यक्ति को एक पौधा लगाना और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी। 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस पर हमें धरा को बचाने एवं उसे हरा-भरा करने का संकल्प लेने की जरूरत है।
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लॉकडाउन ने बीमार पर्यावरण को दी संजीवनी
लॉकडाउन ने बीमार पर्यावरण को संजीवनी दी है। वाहन, कारखाने आदि से निकलने वाला धुआं और ध्वनि के काफी कम होने से प्रदूषण से कराह रही प्रकृति को राहत मिली है। वाहनों का परिचालन कम होने से प्रदूषण में कमी आई है। वायु से लेकर ध्वनि प्रदूषण में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। वातावरण में लोगों को बेहतर हवा मिल रही तो कानों को भी सुकून पहुंच रहा है। मोहल्ले, बाजार व औद्योगिक क्षेत्रों में शोर-शोराबा नहीं है। वहां पर खामोशी है। पर्यावरण के लिहाज से यह समय बेहद अनुकूल है। सांस, दमा, ह्दय व गर्भवती के लिए अच्छा वातावरण है। पेट्रोल व डीजल की बिक्री काफी कम हो गई है।
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आठ लाख से अधिक वाहनों के धुएं से था हाल बेहाल
जिले की हवा आठ लाख से अधिक वाहनों के धुएं को झेल रही थी। वाहनों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा था। इससे यहां की हवा जहरीली होती जा रही थी। सांस, हृदय, त्वचा व फेफड़ा संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे थे। लॉकडाउन में वाहनों का परिचालन बंद होने से पर्यावरण को राहत मिली हैं।
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जिले की सुधरी सेहत, पहुंचा ग्रीन जोन में
लॉकडाउन से मुजफ्फरपुर की सेहत में सुधार हुआ है। हवा, जल व ध्वनि प्रदूषण नियंत्रित हुआ है। लॉकडाउन से पूर्व यहां की हवा जहरीली होती जा रही थी। अब इसमें काफी सुधार हो चुका है। वायु गुणवत्ता सूचकांक में मुजफ्फरपुर ग्रीन जिले में शामिल हो गया है। एक महीने पूर्व जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक अधिकतम 500 तक था, लेकिन 20 अप्रैल को ये 79 तक आ गया।