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BRABU के पूर्व कुलपति डॉ. निहार नंदन प्रसाद सिंह के निधन पर शोक की लहर

BRABU मंगलवार को पटना में निधन की खबर आते ही विश्वविद्यालय में छाया शोक। 2000 से 2003 तक बीआरएबीयू के कुलपति रहे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 09:40 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 09:40 AM (IST)
BRABU के पूर्व कुलपति डॉ. निहार नंदन प्रसाद सिंह के निधन पर शोक की लहर
BRABU के पूर्व कुलपति डॉ. निहार नंदन प्रसाद सिंह के निधन पर शोक की लहर

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. निहार नंदन प्रसाद सिंह का मंगलवार को पटना में निधन हो गया। उनके निधन की खबर आने के बाद विश्वविद्यालय, पीजी विभाग व कॉलेजों में शोक की लहर दौड़ गई। वे 2000 से 2003 तक बीआरएबीयू के कुलपति रहे थे। वे पटना विवि में इतिहास के भी प्रोफेसर थे। पीजी इतिहास विभागाध्यक्ष भी रह चुके थे। पटना विवि में कुलसचिव व प्रॉक्टर के पद पर भी रहे। लंदन से पीएचडी की डिग्री ली थी। 8 व 9 फरवरी को बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में आयोजित बिहार इतिहास परिषद के अधिवेशन में अध्यक्ष चुने गए थे। बिहार विश्वविद्यालय का ऑडिटोरियम भी उनके ही कार्यकाल में बना था।

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डॉ. शिवदास पांडेय के निधन पर भी शोक सभा का आयोजन

बिहार विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग में पूर्व कुलपति प्रो. निहार नंदन प्रसाद सिंह तथा वरिष्ठ साहित्यकार एवं कुशल प्रशासक डॉ. शिवदास पांडेय के निधन पर एक शोकसभा का आयोजन किया गया। विभाग के शिक्षकों ने ऑनलाइन श्रद्धांजलि अर्पित की। दोनों महापुरुषों के लिए अपनी-अपनी संवेदना प्रकट की।

विश्वविद्यालय का चतुर्दिक विकास

मौके पर विभागाध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार राय ने कहा कि डॉ. प्रो. निहार नंदन प्रसाद सिंह कुशल प्रशासक, दक्ष प्राध्यापक और सहृदय मनुष्य थे। उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय का चतुर्दिक विकास हुआ। वे जितने अच्छे शिक्षक थे उतने ही शिष्ट मनुष्य भी थे। एक अभिभावक की तरह उन्होंने विश्वविद्यालय को व्यवस्थित किया, उन्हीं के समय व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू हुआ।

साहित्यकार अभिभावक खो दिया

डॉ. शिवदास पांडेय को याद करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर ने अपना एक साहित्यकार अभिभावक खो दिया है। डॉ. शिवदास पांडेय ने कथा और कविता दोनों को ऊंचाई दी। हिंदी विभाग के साथ उनका स्नेह बराबर बना रहा। प्रो. रेवती रमण ने कहा कि, वे एक निर्भीक प्रशासक और रचनाकार थे। उन्हेंं हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास तथा राजनीतिशास्त्र आदि विषयों का विशेष थे। डॉ. वीरेंद्र नाथ मिश्रा, डॉ. कल्याण कुमार झा, डॉ. राकेश रंजन, डॉ. उज्वल आलोक, डॉ. धीरेन्द्र प्रसाद राय, डॉ. सुशांत कुमार और डॉ. संध्या पांडेय ने भी अपनी-अपनी संवेदना प्रकट की।

21वीं पुण्यतिथि मनाई गई

इधर श्यामनंदन सहाय कॉलेज में संस्थापक अध्यक्ष कृष्णनंदन सहाय की 21वीं पुण्यतिथि मनाई गई। मौके पर प्रभारी प्राचार्य डॉ. सुबोध कुमार सिन्हा ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे एक कुशल प्रबंधक, राजनेता, शिक्षाविद्, बहुआयामी प्रतिभाशाली व महान समाजसेवी थे। सभी को उनके व्यक्तित्व व कृतत्व को अनुकरण करना चाहिए। इस अवसर पर निरंजन प्रसाद, भारत भूषण, पांडेय, प्रकाश कुमार, प्रभात कुमार वर्मा, अशोक कुमार, अनिल कुमार, सतीशचन्द्र सिन्हा, नीतीश कुमार, सौखी पंडित, रामजी ठाकुर, अशोक श्रीवास्तव ने पुष्पांजलि अर्पित की। 


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