Muzaffarpurchunav 2020: क्या इस बार मंत्री जी लगाएंगे हैट्रिक या पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी करेंगे वापसी?
Bihar Muzaffarpur chunav 2020 मुजफ्फरपुर विधानसभा में फिर दिख रही चिर-परिचित प्रतिद्वंद्विता। 28 उम्मीदवारों के बीच दो पुराने महारथियों की अग्निपरीक्षा। दशकों से जलजमाव झेल रहे शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा तो मिला मगर बना नहीं। दोनों को छोड़ 26 उम्मीदवार नए को आजमाने के आधार पर डटे हैं।
मुजफ्फरपुर, [प्रेम शंकर मिश्रा]। Bihar, Muzaffarpur chunav 2020: मुजफ्फरपुर सीट से विधायक और नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा हैट्रिक लगाने के लिए एनडीए की ओर से भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। उनका मुख्य मुकाबला महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी विजेंद्र चौधरी से है। वे यहां से चार बार जीत चुके हैं। प्रधानमंत्री की जिले के मोतीपुर में सभा हो चुकी है। इस कारण एनडीए प्रत्याशी की स्थिति मजबूत मानी जा रही। लेकिन, सवाल यह है विकास के पायदान पर शहर काफी पीछे खड़ा है। ऐसे में दोनों में से जनता किसे चुनेगी यह बड़ा सवाल है।
दशकों से जलजमाव झेल रहे शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा तो मिला, मगर बना नहीं। इस बार चुनाव का यही मुख्य मुद्दा है। सवाल मंत्री से है तो कठघरे में विजेंद्र चौधरी भी। चार बार विधानसभा जाने के बाद भी उन्होंने शहर के लिए बहुत कुछ नहीं किया। सुरेश शर्मा यह बताने की कोशिश कर रहे कि योजनाएं आ गई हैं। राशि भी मिल गई है। बस एक मौका मिला तो स्मार्ट सिटी का सपना पूरा हो जाएगा। दोनों को छोड़ शेष 26 उम्मीदवार नए को आजमाने के आधार पर डटे हैं। अब गेंद जनता के पाले में है। वह सात नवंबर को प्रत्याशियों को अपने मानकों पर कसेगी।
अपनाया तो खुलकर, ठुकराया तो...
उत्तर बिहार की सबसे अहम सीटों में मुजफ्फरपुर शामिल है। इसका अंदाज और मिजाज, दोनों अलग रहा है। कई बार उम्मीद के विपरीत परिणाम देखने को मिले हैं। मतदाताओं ने विभिन्न चुनावों में दलीय प्रत्याशियों को ताज पहनाया है तो निर्दलीय को भी उनके बीच स्थापित किया। जिन्हें मौका दिया तो कई बार। मगर, एक बार ठुकरा दिया तो फिर नहीं अपनाया। विजेंद्र दो बार निर्दलीय व एक-एक बार राजद व जनता दल से विधायक बने। वे 2010 में क्षेत्र बदलकर लोजपा के टिकट पर कुढऩी से लड़े। वहां पराजित हुए तो पिछले चुनाव में मुजफ्फरपुर का फिर रुख किया। मगर, जनता ने नकार दिया था। बार-बार सिंबल व क्षेत्र बदलने को लेकर विरोधी सवाल उठा रहे।
दूसरी ओर, सुरेश कुमार शर्मा का वोटों का आंकड़ा चुनाव दर चुनाव बढ़ता रहा। इसके पीछे एनडीए का आधार वोट है। मगर, इस बार उनके वोट में सेंधमारी हो सकती है। यहां सबसे अधिक वोट कायस्थ के हैं। प्लुरल्स से डॉ. पल्लवी सहाय के उम्मीदवार होने से यह वोट प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा भूमिहार, वैश्य व मुस्लिम वोटरों की संख्या भी निर्णायक है। अब जाति, विकास या समस्या में से जनता किसे मुद्दा बनाती है, यही सभी उम्मीदवारों का भाग्य तय करेगा।
मतदाता
कुल मतदाता : 3,21,963
पुरुष : 1,69,512
महिला : 1,52,438
अन्य : 13
इस बार के मुख्य प्रत्याशी
भाजपा : सुरेश कुमार शर्मा
कांग्रेस : विजेंद्र चौधरी
कुल प्रत्याशी : 28
पिछले तीन चुनाव के रनर व विनर
2005
विनर : विजेंद्र चौधरी (राजद)-59407
रनर : विनीता विजय (कांग्रेस)-34571
2010
विनर : सुरेश कुमार शर्मा (भाजपा)-72301
रनर : मो. जमाल (लोजपा)-25862
2015
विनर : सुरेश कुमार शर्मा (भाजपा)-94565
रनर : विजेंद्र चौधरी (जदयू)-65159
अब तक के विधायक
1957 : महामाया प्रसाद सिन्हा (पीएसपी)
1962 : देवेंद्र सहाय (कांग्रेस)
1967 : एमएल गुप्ता (कांग्रेस)
1969 : रामदेव शर्मा (सीपीआइ)
1972 : रामदेव शर्मा (सीपीआइ)
1977 : मंजय लाल (जेएनपी)
1980 : रघुनाथ पांडेय (कांग्रेस-आइ)
1985 : रघुनाथ पांडेय (कांग्रेस)
1990 : रघुनाथ पांडेय (कांग्रेस)
1995 : विजेंद्र चौधरी (जनता दल)
2000 : विजेंद्र चौधरी (राजद)
फरवरी, 2005 : विजेंद्र चौधरी (निर्दलीय)
अक्टूबर, 2005 : विजेंद्र चौधरी (निर्दलीय)
2010 : सुरेश कुमार शर्मा (भाजपा)
2015 : सुरेश कुमार शर्मा (भाजपा)