क्या अनलॉक होगा बिहार या फिर दिल्ली की तरह लॉकडाउन विस्तार? मुजफ्फरपुर के लोगों ने रखी अपनी बात
आज होने वाली आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में फैसला लिया जाएगा कि मध्य प्रदेश की तर्ज पर बिहार अनलॉक होगा या दिल्ली की तरह कुछ छूट के साथ लॉकडाउन का विस्तार किया जाएगा? सबकी निगाहें फिर से सीएम नीतीश कुमार के ट्विटर (nitish kumar twitter)पेज पर टिक गई हैं।
मुजफ्फरपुर, ऑनलाइन डेस्क। बिहार में लॉकडाउन 3.0 (Bihar lockdown 3.0)एक जून को समाप्त हो रहा है। करीब एक माह से पूर्ण लॉकडाउन में रह रहे लाेग अब यह सवाल पूछ रहे हैं कि बिहार अनलॉक 1.0 (Bihar Unlock 1.0)कब शुरू होने जा रहा है ? लॉकडाउन की सख्तियां कब कम होंगी (unlock 1 in bihar)? आवागमन की पाबंदियों को कब हटाया जा रहा है (Bihar Unlock News 2021)? सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)की सरकार ने इसको लेकर जिलों के अधिकारियों से कोरोना संक्रमण की स्थिति व अन्य मुद्दों पर बात की है। अनलॉक या लॉकडाउन विस्तार के बारे में उनकी राय नोट कर ली है। आज होने वाली आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में इस बारे में फैसला ले लिया जाएगा कि मध्य प्रदेश की तर्ज पर बिहार अनलॉक होगा या फिर दिल्ली की तरह कुछ छूट के साथ एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन का विस्तार किया जाएगा? सबकी निगाहें एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार के ट्विटर (nitish kumar twitter) पेज पर टिक गई हैं। इस बीच यातायात की पाबंदियों व कारोबार को बंद रखने के आदेश से परेशान मुजफ्फरपुर के लोग ई मेल, फेसबुक, ट्विटर व अन्य माध्यम से अपनी बातें प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं।
चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष पुरुषोत्तम लाल पोद्दार ने लॉकडाउन का स्वागत करते हुए कुछ दुकानों को प्रोटोकॉल के तहत खोलने की मांग की है। पिछले सप्ताह में भी उन्होंने ई-मेल के जरिए मांग की थी, लेकिन इस पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं होने पर पुन: पत्र भेजा गया है। कहा है कि कपड़े, आभूषण, जूते-चप्पल आदि के दुकानदार को काफी आर्थिक क्षति हो रही। इन लोगों का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। जून में लॉकडाउन चार लगने की संभावना के पहले ही उनका ध्यानाकर्षण किया है। ताकि व्यापारियों को सहूलियत मिल सके।
आर्यन पब्लिक स्कूल के संचालक बहुत दुखी हैं। कहते हैं कि नामांकन के समय ही लाॅकडाउन की पाबंदियों ने सबकुछ खत्म कर दिया। पिछली बार भी यही हुआ था और इस बार भी हालत सुधरने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। सरकार सख्ती कर रही है, यह अच्छी बात है, लेकिन हमलोगों के बारे में भी तो कुछ सोचे? कोई पैकेज दे।